हैदरपोरा मुठभेड़ः आम नागरिकों की मौत पर हुर्रियत का शुक्रवार को बंद का आह्वान, न्यायिक जांच की उठी मांग
By सुरेश एस डुग्गर | Published: November 18, 2021 04:25 PM2021-11-18T16:25:35+5:302021-11-18T16:27:19+5:30
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने लोगों को यह यकीन भी दिलाया कि सरकार नागरिकों की रक्षा के लिए प्रतिबध है। किसी निर्दोष की हत्या बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जम्मू। श्रीनगर के हैदरपोरा में हुई मुठभेड़ में दो नागरिकों की मौत की मजिस्ट्रियल जांच की घोषणा के बीच हुर्रियत ने शुक्रवार को बंद का आह्वान किया है। इस बंद को कई राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया है।
मीरवायज उमर फारूक के नेतृत्व वाली हुर्रियत कांफ्रेंस ने भी हैदपोरा मुठभेड़ में मारे गए दो स्थानीय नागरिकों के विरोध में शुक्रवार को बंद का ऐलान किया है। जबकि पीएजीडी प्रधान फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुठभेड़ में मारे गए अल्ताफ अहमद व डॉ. मुदस्सर गुल के परिजनों के हक की बात पर चर्चा हुई। गौरतलब है कि फारूख अब्दुल्ला ने पिछले बुधवार को इस संबंध में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बात भी की थी।
मीरवायज उमर फारूक के नेतृत्व वाली हुर्रियत कांफ्रेंस ने शुक्रवार को कश्मीर बंद का ऐलान करते हुए कहा कि हैदरपोरा मुठभेड़ ने घाटी के लोगों को स्तब्ध कर दिया है। जो लोग मुठभेड़ में मारे गए लोगों के परिजनों का समर्थन कर रहे थे, उन्हें या तो नजरबंद कर दिया गया है या फिर हिरासत में रखा गया है। ऐसे में हुर्रियत कांफ्रेंस ने अपनी आवाज प्रशासन के कानों तक पहुंचाने के लिए शुक्रवार को घाटी बंद का ऐलान किया है।
उधर, मामले को राजनीतिक रूप लेते देख उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए। अपने अधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर इसकी जानकारी देते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि हैदरपोरा मुठभेड़ की जांच अतिरिक्त जिला आयुक्त रैंक के अधिकारी को सौंपी गई है। रिपोर्ट सामने आते ही सरकार उचित कार्रवाई करेगी।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने लोगों को यह यकीन भी दिलाया कि सरकार नागरिकों की रक्षा के लिए प्रतिबध है। किसी निर्दोष की हत्या बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार का पूरा प्रयास रहेगा कि किसी के साथ भी अन्याय न हो। उन्होंने कहा कि एडीएम अधिकारी जल्द ही इस पर जांच प्रक्रिया शुरू कर देगा। पूरे मामले की जांच करने के बाद जब वह अपना रिपोर्ट पेश करेंगे, उसके अनुसार अगली कार्रवाई होगी।
इस मामले पर सात राजनीतिक दलों के संगठन पीएजीडी के नेताओं की बैठक डॉ फारूक अब्दुल्ला के निवास पर हुई। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए पीएजीडी प्रवक्ता एमवाई तारीगामी ने कहा कि हमें मजिस्ट्रियल जांच नहीं बल्कि न्यायिक जांच चाहिए। इस मामले की सच्चाई सामने लानी है तो इसके लिए न्यायिक जांच ही सही है। बैठक में तय किया गया है कि डॉ फारूक अब्दुल्ला राष्ट्रपति को इस संबंध में एक पत्र भेजेंगे। जिसमें यह बात रखी जाएगी कि हैदरपोरा मुठभेड़ की विश्वसनीय जांच होनी चाहिए। मुठभेड़ में मारे गए स्थानीय नागरिक अल्ताफ व मुदस्सर के परिजन लगातार उपराज्यपाल से मामले की निष्पक्ष जांच करवाने व मृतकों के शव उन्हें सौंपे जाने की मांग कर रहे हैं।