भूखमरी से मौत नहीं हुई, द्वितीय हरित क्रांति की जरूरत नहींः सरकार

By भाषा | Updated: December 13, 2019 15:52 IST2019-12-13T15:52:19+5:302019-12-13T15:52:19+5:30

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री दानवे रावसाहेब दादाराव ने शुक्रवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया ’’खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने भूखमरी या भूखमरी से मृत्यु को परिभाषित नहीं किया है।’’

Hunger did not lead to death, no need for second green revolution: government | भूखमरी से मौत नहीं हुई, द्वितीय हरित क्रांति की जरूरत नहींः सरकार

सरकार का देश में खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने के लिए द्वितीय हरित क्रांति शुरू करने का कोई विचार नहीं है।

Highlightsपिछले चार साल के दौरान किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने भूखमरी से मृत्यु होने की किसी घटना की सूचना नहीं दी है।मंत्री ने बताया कि भूखमरी के कारण हुई मृत्यु के बारे में समाचार पत्रों में समय समय पर कुछ खबरें प्रकाशित हुईं।

सरकार ने शुक्रवार को दावा किया कि भूखमरी के कारण मृत्यु होने के बारे में समय समय पर कुछ समाचार पत्रों में खबरें प्रकाशित हुईं लेकिन इनकी पुष्टि नहीं हुई।

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री दानवे रावसाहेब दादाराव ने शुक्रवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया ’’खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने भूखमरी या भूखमरी से मृत्यु को परिभाषित नहीं किया है।’’

उन्होंने बताया कि पिछले चार साल के दौरान किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने भूखमरी से मृत्यु होने की किसी घटना की सूचना नहीं दी है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री ने बताया कि भूखमरी के कारण हुई मृत्यु के बारे में समाचार पत्रों में समय समय पर कुछ खबरें प्रकाशित हुईं लेकिन इन खबरों की पुष्टि नहीं हुई। 

खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने के लिए द्वितीय हरित क्रांति शुरू करने का विचार नहीं : सरकार

सरकार का देश में खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने के लिए द्वितीय हरित क्रांति शुरू करने का कोई विचार नहीं है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। तृणमूल कांग्रेस के डॉ शांतनु सेन ने सवाल पूछा था कि क्या सरकार का देश में खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने के लिए द्वितीय हरित क्रांति शुरू करने का कोई विचार है ?

तोमर ने एक अन्य प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि अन्य व्यवसायों के समान किसानों को पहचान पत्र देने पर विचार नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई), प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) और मृदा स्वास्थ्य कार्ड (एसएचसी) आदि के तहत किसानों को मिलने वाले विभिन्न लाभों एवं सेवाओं को सत्यापित किया जाता है। उन्होंने कहा कि बहरहाल, किसानों को पहचान पत्र देने पर विचार नहीं किया जा रहा है। 

आईसीएआर में वैज्ञानिकों के 1453 पद रिक्त : सरकार

सरकार ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) में वैज्ञानिकों के 1400 से अधिक पद रिक्त है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि आईसीएआर में वैज्ञानिकों के 6546 स्वीकृत पद हैं।

इनमें से 5093 पद भरे हुये हैं और 1453 पद रिक्त हैं। उन्होंने रिक्त पदों को भरने से जुड़े पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि वैज्ञानिकों की भर्ती सतत प्रक्रिया है। रिक्त पदों को भरने के लिये कदम उठाए गए हैं तथा कुछ रिक्त पदों के लिये कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल द्वारा पहले ही विज्ञापन प्रकाशित किया जा चुका है। 

Web Title: Hunger did not lead to death, no need for second green revolution: government

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