HDI Index 2021: यूएनडीपी के मानव विकास सूचकांक में भारत 132वें पायदान पर खिसका
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 8, 2022 08:20 PM2022-09-08T20:20:26+5:302022-09-08T20:20:26+5:30
यूएनडीपी रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘वैश्विक रुझानों की तरह, भारत के मामले में भी 2019 में एचडीआई मान 0.645 था जो 2021 में 0.633 तक आ गया, इसके लिए जीवन प्रत्याशा में गिरावट (69.7 से घटकर 67.2 वर्ष होने को) जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

HDI Index 2021: यूएनडीपी के मानव विकास सूचकांक में भारत 132वें पायदान पर खिसका
नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 के मानव विकास सूचकांक में भारत 191 देशों में 132वें पायदान पर खिसक गया है। भारत का 0.6333 का एचडीआई मान देश को मध्यम मानव विकास श्रेणी में रखता है, जो 2020 की रिपोर्ट में इसके 0.645 के मान से कम है। वर्ष 2020 के मानव विकास सूचकांक में भारत 189 देशों में 131वें स्थान पर था।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘वैश्विक रुझानों की तरह, भारत के मामले में भी 2019 में एचडीआई मान 0.645 था जो 2021 में 0.633 तक आ गया, इसके लिए जीवन प्रत्याशा में गिरावट (69.7 से घटकर 67.2 वर्ष होने को) जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
भारत में स्कूली शिक्षा का अपेक्षित वर्ष 11.9 वर्ष और स्कूली शिक्षा का औसत वर्ष 6.7 साल है।’’ किसी राष्ट्र के स्वास्थ्य, शिक्षा और औसत आय को मापने के पैमाने की दृष्टि से मानव विकास में लगातार दो साल- 2020 और 2021 में गिरावट दर्ज की गयी है, जबकि इससे पहले पांच साल काफी विकास हुआ था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह कोई भारत की इकलौती स्थिति नहीं है, बल्कि वैश्विक स्तर पर गिरावट के अनुरूप है, जो दर्शाता है कि 32 वर्षों में पहली बार दुनिया भर में मानव विकास ठहर सा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मानव विकास सूचकांक की हालिया गिरावट में एक बड़ा योगदान जीवन प्रत्याशा में वैश्विक गिरावट का है, जो 2019 के 72.8 साल से घटकर 2021 में 71.4 साल हो गयी है।
यूएनडीपी के प्रशासक अचिम स्टेनर ने कहा, ‘‘संकट-दर-संकट से उबरने के लिए दुनिया हाथ पांव मार रही है। अनिश्चितता से भरी इस दुनिया में, हमें आम चुनौतियों से निपटने के लिए परस्पर वैश्विक एकजुटता की एक नयी भावना की आवश्यकता है।’’ स्टीनर ने कहा कि एक दूसरे से जुड़े अंतर्निहित संकटों ने भारत के विकास पथ को वैसे ही प्रभावित किया है जैसे दुनिया के अधिकांश हिस्सों में प्रभावित हुआ है।
एचडीआई मानव विकास के तीन प्रमुख आयामों की प्रगति को मापता है - एक लंबा और स्वस्थ जीवन, शिक्षा तक पहुंच और एक सभ्य जीवन स्तर। इसकी गणना चार संकेतकों - जन्म के समय जीवन प्रत्याशा, स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष, स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष और प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) के माध्यम से की जाती है।
(इनपुट एजेंसी)