सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप डील पर रोक, Amazon के पक्ष में फैसला
By योगेश सोमकुंवर | Published: August 6, 2021 12:41 PM2021-08-06T12:41:44+5:302021-08-06T12:45:51+5:30
साल 2019 में अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप को 1920 लाख डॉलर के बदले फ्यूचर ग्रुप की गिफ्ट वाउचर इकाई में 49 फीसदी हिस्सेदारी ली थी. जिसके बाद फ्यूचर ग्रुप के किशोर बियानी ने मुकेश अंबानी की रिलायंस के साथ विलय करार कर लिया था. अमेजन ने इस विलय करार पर आपत्ति जताई थी.
रिलायंस रिटेल के साथ किशोर बियानी के फ्यूचर रिटेल लिमिटेड में विलय के 24,713 करोड़ रुपए के सौदे के मामले में अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन की बड़ी जीत हुई है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस और फ्यूचर रिटेल की डील पर रोक लगाने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है. रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप डील के खिलाफ अमेजन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है.
Amazon-Future-Reliance case: Supreme Court rules in favour of Amazon and holds that Singapore's Emergency Arbitrator Award that restrained Future Retail Ltd (FRL) from going ahead with its merger deal with Reliance Retail is enforceable in Indian law.
— ANI (@ANI) August 6, 2021
सिंगापुर के इमरजेंसी आर्बिट्रेटर ने अमेजन के पक्ष में सुनाया था फैसला
रिलायंस और फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के बीच हुए करार को अमेजन ने पहले सिंगापुर स्थित इमरजेंसी आर्बिट्रेटर में चुनौती दी थी. इमरजेंसी आर्बिट्रेटर ने फ्यूचर ग्रुप को रिलायंस रिटेल के साथ 27,513 करोड़ रुपये के सौदे पर रोक लगाने का निर्देश दिया था. अमेजन ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सिंगापुर के इमरजेंसी आर्बिट्रेटर का फ्यूचर रिटेल लिमिटेड को रिलायंस रिटेल के साथ विलय करार को रोकने का फैसला ‘वैध' है और इसका क्रियान्वयन कराया जाना चाहिए.
यह हैं पूरा मामला
साल 2019 में अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप को 1920 लाख डॉलर के बदले फ्यूचर ग्रुप की गिफ्ट वाउचर इकाई में 49 फीसदी हिस्सेदारी ली थी. जिसके बाद फ्यूचर ग्रुप के किशोर बियानी ने मुकेश अंबानी की रिलायंस के साथ विलय करार कर लिया था. अमेजन ने इस विलय करार पर आपत्ति जताई थी. जिसके बाद से यह मामला सिंगापुर के इमरजेंसी आर्बिट्रेटर के पास पहुंचा. आर्बिट्रेटर ने अमेजन के पक्ष में फैसला सुनाया था.
दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने भी लगाई थी डील पर रोक
इसके बाद यह केस दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने भी इमरजेंसी आर्बिट्रेटर के आदेश को भारत में लागू करने योग्य ठहराया था और फ्यूचर रिटेल डील पर रोक लगाने का निर्देश दिया था. सिंगल जज बेंच ने फ्यूचर डायरेक्टर किशोर बियानी की संपत्ति कुर्क करने का भी निर्देश दिया था. बाद में दिल्ली हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सिंगल जज बेंच के आदेश पर रोक लगा दी थी. हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ अमेजन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.