कोरोना संक्रमितों को ठगने से भी नहीं चूके जालसाज, मई के पहले दो हफ्तों में ज्यादा वारदात

By नितिन अग्रवाल | Published: May 26, 2021 07:43 AM2021-05-26T07:43:22+5:302021-05-26T07:46:48+5:30

कोरोना संक्रमण के बीच ठगों ने भी लोगों की मजबूरी का खूब फायदा उठाया। ऑनलाइन धोखाधड़ी के सर्वाधिक 41 प्रतिशत मामले यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए अंजाम दिए गए।

How fraud done amid corona crisis by some fraudster more incidents in first two weeks of May | कोरोना संक्रमितों को ठगने से भी नहीं चूके जालसाज, मई के पहले दो हफ्तों में ज्यादा वारदात

कोरोना काल में ठगों ने भी उठाया मजबूर लोगों का फायदा (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsचिकित्सा सेवाओं, जीवनरक्षक दवाओं, ऑक्सीजन और घर पर ICU इलाज दिलाने के नाम पर ठगीठगी की 75 प्रतिशत शिकायतें ऑक्सीजन सिलेंडर से जबकि लगभग 23 प्रतिशत जीवनरक्षक दवाओं से संबंधित रहींमई के पहले दो हफ्तों में 400 से अधिक ठगी के मामले दर्ज हुए और करीब 100 आरोपी गिराफ्तार किए गए

कोविड 19 महामारी के दौरान लोग जहां जरूरतमंदों की मदद के लिए प्रयास कर रहे हैं वहीं मुसीबत के मारे लोगों को जालसाज आसान शिकार बना रहे हैं। दिल्ली में कोरोना संकटकाल के दौरान ये धोखेबाज ऑनलाइन धोखाधड़ी करके हजारों लोगों को लाखों रुपये का चूना लगा चुके हैं।

डीसीपी साइबर क्राइम के अनुसार मई के पहले दो सप्ताह में कोरोना से संबंधित ठगी के मामले चरम पर थे। लोग चिकित्सा सेवाओं, जीवनरक्षक दवाओं और राशन के लिए सोशल मीडिया पर मदद मांग रहे थे जिसका फायदा ठगों ने उठाया।

ऑक्सीजन से लेकर घर पर ICU इलाज के नाम पर ठगी

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जालसाजों ने अपने फोन नंबर और फर्जी वेबसाइट के लिंक शेयर किए। लोगों ने इन नंबरों पर कॉल किया और आपात जरूरतों के लिए अग्रिम भुगतान भी किया। ज्यादातर मामलों में ठगों ने भुगतान मिलने के बाद फोन नंबर कर लिया। 

इनमें से 75 प्रतिशत शिकायतों ऑक्सीजन सिलेंडर से जबकि लगभग 23 प्रतिशत जीवनरक्षक दवाओं से संबंधित थी। इसके अलावा कुछ शिकायतों अस्पताल में बेड दिलाने और घर में आईसीयू उपचार की व्यवस्था के नाम पर भी की गई। 

फर्जीवाड़े के चंद घंटों के भीतर आई शिकायतों के संबंध में लगभग 250 बैंक खातों को सील कराया। जिनमें 64 लाख रुपयों की ठगी की शिकायत की गई थी।

900 से अधिक मोबाइल नंबर बंद

इसके अलावा 900 से अधिक नंबरों को बंद कराया जा चुका था। इस दौरान 400 से अधिक मामले दर्ज किए गए और करीब 100 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। 

वहीं ठगी में इस्तेमाल 100 से अधिक फोन और दूसरी डिवाइस भी जब्त की गई। ज्यादातर मामलों में फर्जीवाड़े के लिए इस्तेमाल फोन नंबर का पंजीकरण और बैंक खाते अलग-अलग राज्यों में स्थित बैंक शाखाओं में थे।

कोरोना टीके के नाम पर भी ठगी

धोखाधड़ी के सर्वाधिक 41 प्रतिशत मामले यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए अंजाम दिए गए। इन दिनों मकान किराये पर देने के इच्छुक व्यक्ति भी ठगी के निशान पर हैं। ठग प्रॉपर्टी पोर्ट्ल से ऐसे लोगों का फोन नंबर लेकर कॉल करते हैं। 

लोकमत समाचार को मिली जानकारी के अनुसार ठग कोविड-19 रोधी टीके के नाम पर भी लोगों को ठग रहे हैं। ऐसे मामलों में लोगों से कुछ सौ रुपयों की ठगी होती है। जानकारों का मानना है कि जिन मामलों में ठगी की रकम छोटी होती है, उनके बारे में लोग रिपोर्ट नहीं करते हैं।

Web Title: How fraud done amid corona crisis by some fraudster more incidents in first two weeks of May

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