हिमंत बिस्वा सरमा ने एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल को लताड़ लगाते हुए कहा, "औरतें बच्चा पैदा करने की फैक्ट्री नहीं होतीं, मुस्लिम बहनें उनकी बात न सुनें"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 5, 2022 10:30 PM2022-12-05T22:30:25+5:302022-12-05T22:35:11+5:30
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने एआईयूडीएफ प्रमुख और असम से लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल द्वारा महिलाओं के प्रति विवादित बयान देने के लिए लताड़ लगाते हुए कहा कि मैं मुस्लिम बहनों से अपील करता हूं कि वो बदरुद्दीन अजमल की बात को एकदम न सुनें और दो से ज्यादा बच्चे न पैदा करें।
बोंगाईगांव:असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एआईयूडीएफ प्रमुख और असम से लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल द्वारा महिलाओं के लिए दिये अशोभनीय बयान पर जबरदस्त हमला बोला है। मुख्यमंत्री सरमा ने बदरूद्दीन अजमल के बयान को शर्मनाक बताते हुए कहा कि बदरुद्दीन अजमल ने महिलाओं से ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील की थी तो वो अब मेरी भी बात सुन लें। मेरा अजमल से कहना है कि अगर उनके कहने पर महिलाएं ज्यादा बच्चे पैदा करती हैं तो उन्हें उन बच्चों के बड़े होने तक परवरिश पर आने वाले खर्च को खुद उठाना चाहिए।
Badruddin Ajmal had said that women should continue to give birth to as many children as possible, but I say that if women give birth to more children, then Ajmal should nurture the children till they grow up and pay for their expenses: Assam CM Himanta Biswa Sarma pic.twitter.com/seDLF2XNnn
— ANI (@ANI) December 5, 2022
इसके साथ ही असम के सीएम ने कहा कि मैं अपनी मुस्लिम बहनों से कहना चाहता हूं कि वो बदरुद्दीन अजमल की बात को एकदम मत सुनें और दो से ज्यादा बच्चे न पैदा करें। जनसंख्या कम करने की जिम्मेदारी हम सबी के कंधों पर है और हम सभी को इसका ख्याल रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विज्ञान भी कहता है कि अगर एक महिला कई बच्चों को जन्म देती है, तो इसका उस पर शारीरिक रूप से सीधा असर पड़ता है और साथ ही हमारा समाज भी इससे प्रभिवित होता है। अगर हमने समझदारी से काम नहीं लिया तो असम तबाह हो जाएगा। सभी को यह बात समझनी चाहिए कि महिलाएं बच्चा पैदा करने की फैक्ट्री नहीं होती हैं।
सीएम सरमा ने कहा कि बदरुद्दीन अजमल सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के लिए समाज के एक खास तबके को खुश करने के लिए ऐसे अनर्गल बयान दे रहे हैं और उनके बयानों पर समाज को तवज्जो नहीं देनी चाहिए।
मालूम हो कि बीते 2 दिसंबर को विवादित बयान देते हुए एआईयूडीएफ चीफ बदरुद्दीन अजमल ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा था कि ये लोग आज कल नया मुद्दा ले आए हैं। कौन कितनी उम्र में शादी करेगा। इसके बाद लोकसभा सांसद अजमल ने कहा वो (हिंदु) आज से 40 साल से पहले तक एक नहीं दो-तीन बीवियां को गैरकानूनी तरीके से रखते थे। वैसे ये बात सभी को समझनी चाहिए कि 40 साल के बाद बच्चा पैदा करने की क्षमता कहां रहती है। उनको (हिंदुओं) तो मुसलमानों के नक्श-ए-कदम पर चलते हुए अपने बच्चों की 18-20 साल की उम्र में शादी करा देनी चाहिए।
अजमल के इस बयान के बाद खासा सियासी बवाल मचा और मुख्यरूप से भाजपा ने अजमल के बयान की निंदा करते हुए उनसे माफी की मांग की। बढ़ते विरोध को देखते हुए बदरूद्दीन अजमल ने बीते 4 दिसंबर को अपने बयान के लिए माफी मांग ली और कहा कि उनके बयान को तोड़ा-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है, उनकी मंशा हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की नहीं थी।