उच्च न्यायालय ने स्वेच्छा से इस्लाम अपनाने वाली महिला को सुरक्षा देने का दिल्ली पुलिस को निर्देश

By भाषा | Updated: July 1, 2021 13:38 IST2021-07-01T13:38:03+5:302021-07-01T13:38:03+5:30

High Court directs Delhi Police to provide security to women who voluntarily converted to Islam | उच्च न्यायालय ने स्वेच्छा से इस्लाम अपनाने वाली महिला को सुरक्षा देने का दिल्ली पुलिस को निर्देश

उच्च न्यायालय ने स्वेच्छा से इस्लाम अपनाने वाली महिला को सुरक्षा देने का दिल्ली पुलिस को निर्देश

नयी दिल्ली, एक जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्वेच्छा से इस्लाम धर्म कबूल करने वाली महिला को पांच जुलाई तक अंतरिम सुरक्षा प्रदान करने का दिल्ली पुलिस को बृहस्पतिवार को निर्देश दिया। इस महिला ने दावा किया है कि स्वेच्छा से हिंदू से इस्लाम में धर्मातंरण करने के बाद से उत्तर प्रदेश पुलिस, मीडिया, स्वयंभू सतर्कता समूह उसके पीछे पड़ें हैं।

न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने मामले की सुनवाई नियमित पीठ द्वारा किए जाने तक दिल्ली पुलिस से महिला की सुरक्षा के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता युवती है और उसने अपनी सुरक्षा के संबंध में आशंकाएं व्यक्त की हैं।

अवकाशकालीन पीठ ने कहा, “मैं समझता हूं कि पांच जुलाई को नियमित पीठ द्वारा मामले की सुनवाई किए जाने तक प्रतिवादी एक और दो (दिल्ली पुलिस आयुक्त और जामिया नगर थाने के एसएचओ) को याचिकाकर्ता के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा के वास्ते उचित कदम उठाने के लिए सीमित निर्देश जारी करना उचित है।”

किस तरह से सुरक्षा दी जाएगी यह दिल्ली पुलिस पर छोड़ते हुए अदालत ने साफ किया कि वह याचिका में कही गई बातों के सही होने पर कोई नजरिया जाहिर नहीं कर रही है। अदालत ने कहा कि वह इस चरण में याचिका पर नोटिस जारी नहीं कर रही है और मामले को नियमित पीठ देखेगी।

सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे समीर वशिष्ठ ने कहा कि महिला याचिका में दिए गए पते पर नहीं मिली और यहां तक कि उनका मोबाइल फोन भी बंद था जिस वजह से पुलिस अधिकारी उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे थे।

महिला की वकील तान्य अग्रवाल ने कहा कि आशंकाओं के कारण, उन्हें बार-बार अपना आवास बदलना पड़ा है और कहा कि वह अपना वर्तमान पता पुलिस के वकील को ईमेल करेंगी।

अदालत महिला की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले की निवासी और दिल्ली में काम करने वाली महिला ने अपने और अपने परिवार के लिए सुरक्षा के साथ-साथ निजता के अधिकार का भी आग्रह किया है। इस महिला ने अपनी याचिका में कहा है कि धर्म परिवर्तन के कारण उनके और उनके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है और मीडिया में उसके बारे में दुर्भावनापूर्ण सामग्री छापी जा रही है जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए।

वकील कमलेश कुमार मिश्रा और नितिन कुमार नायक के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया, ‘‘याचिकाकर्ता (महिला) वयस्क हैं और संविधान उन्हें अपना धर्म चुनने का अधिकार देता है और वह जिस धर्म को मानने का, चुनने का निर्णय लेती है उसके लिए उन्हें प्रताड़ित नहीं किया जा सकता, उन्हें निशाना नहीं बनाया जा सकता।’’

याचिका के अनुसार रेणु गंगवार उर्फ आयशा अल्वी ने 27 मई को दिल्ली में इस्लाम धर्म अपना लिया था और 23 जून से, जब वह शाहजहांपुर में थी तब उनके पास मीडियाकर्मियों के फोन आने लगे जिनमें उनसे मिलने का अनुरोध किया गया लेकिन उन्होंने मना कर दिया। महिला ने कहा कि उनकी इजाजत के बगैर मीडियाकर्मी उनके घर आ गए और उनकी तस्वीरें, वीडियो लेने लगे और उन्हें धमकी भरे फोन भी आने लगे कि धर्म परिवर्तन की खबर मीडिया में छापी जाएंगी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा तथा उनसे पैसे भी मांगे गए।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि इसके बाद उनमें से एक ने उनसे जबरदस्ती 20,000 रुपये ले लिए जबकि अन्य ने भी उनसे तथा उनके परिवार से पैसे उगाहने की कोशिश की। याचिका में कहा गया कि उनके धर्म परिवर्तन के बारे में मीडिया में अनर्गल तथा काल्पनिक जानकारियां दी जा रही हैं।

महिला ने याचिका में कहा कि 24 जून को उन्होंने दिल्ली पुलिस आयुक्त से भी इसकी शिकायत की थी और सुरक्षा की मांग की थी। याचिका में दिल्ली पुलिस आयुक्त, जामिया नगर थाने के एसएचओ, दिल्ली सरकार, उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश सरकार को पक्षकार बनाया गया है।

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Web Title: High Court directs Delhi Police to provide security to women who voluntarily converted to Islam

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