Hemant Soren Cabinet Decisions: डीजीपी पद पर बहाल अनुराग गुप्ता, हटाए गए मंजूनाथ भजंत्री होंगे रांची के उपायुक्त?, शपथ के साथ ही एक्शन में हेमंत सोरेन
By एस पी सिन्हा | Published: November 29, 2024 12:42 PM2024-11-29T12:42:24+5:302024-11-29T12:43:19+5:30
Hemant Soren Cabinet Decisions: ‘अतीत में चुनाव संबंधी उल्लंघन का रिकॉर्ड होने’ के कारण अनुराग गुप्ता को विधानसभा चुनाव में डीजीपी पद से हटा दिया गया था।
Hemant Soren Cabinet Decisions: झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के पद से हटाए गए भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी अनुराग गुप्ता को हेमंत सोरेन सरकार ने बहाल कर दिया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। गुप्ता की बहाली बृहस्पतिवार को सोरेन द्वारा झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिये जाने के कुछ घंटों बाद हुई। ‘‘अतीत में चुनाव संबंधी उल्लंघन का रिकॉर्ड होने’’ के कारण गुप्ता को विधानसभा चुनाव में डीजीपी पद से हटा दिया गया था।
निर्वाचन आयोग ने 1989 बैच के झारखंड कैडर के सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अजय कुमार सिंह को 21 अक्टूबर को डीजीपी नियुक्त किया था। गृह, जेल एवं आपदा प्रबंधन विभाग की एक अधिसूचना में कहा गया, ‘‘अपराध जांच विभाग के महानिदेशक अनुराग गुप्ता को पुलिस महानिदेशक का प्रभार दिया गया है....
डीजीपी अजय कुमार सिंह को झारखंड पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक का प्रभार दिया गया है।’’ राज्य में 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में विधानसभा चुनाव हुए। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत गठबंधन ने 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में 56 सीट पर कब्जा जमाकर शानदार जीत हासिल की, जबकि भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 24 सीट जीतीं। भारतीय पुलिस सेवा के 1990 बैच के अधिकारी गुप्ता को इससे पहले जुलाई में सिंह की जगह कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था।
इससे पहले, सिंह को उनके पूर्ववर्ती नीरज सिन्हा की सेवानिवृत्ति के बाद फरवरी 2023 में राज्य के डीजीपी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पिछले साल सिंह की नियुक्ति से राज्य के डीजीपी के चयन को लेकर विवाद खत्म हो गया था। उच्चतम न्यायालय ने जनवरी 2023 में झारखंड सरकार और पूर्व पुलिस प्रमुख नीरज सिन्हा के खिलाफ अवमानना याचिका का निपटारा कर दिया था। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि सिन्हा 31 जनवरी 2022 को सेवानिवृत्त होने के बाद भी डीजीपी के पद पर बने हुए हैं।
निर्वाचन आयोग के आदेश पर हटाए गए आईएएस अधिकारी रांची के उपायुक्त पद पर बहाल
झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की शिकायत के बाद विधानसभा चुनाव से पहले हटाए गए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी मंजूनाथ भजंत्री को हेमंत सोरेन सरकार ने रांची के उपायुक्त के पद पर बहाल कर दिया है। यह जानकारी एक अधिसूचना में दी गई। सोरेन के झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के कुछ घंटे बाद ही भजंत्री को पद पर बहाल करने का फैसला लिया गया।
हेमंत सोरेन सरकार ने 2011 बैच के आईएएस अधिकारी भजंत्री को विधानसभा चुनाव से पहले रांची का उपायुक्त नियुक्त किया था, लेकिन भाजपा के कानूनी प्रकोष्ठ द्वारा मुख्य निर्वाचन अधिकारी को शिकायत किए जाने के बाद 15 अक्टूबर को उन्हें पद से हटा दिया गया और झारखंड राज्य आजीविका सोसाइटी (जेएसएलपीएस) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर उनका तबादला कर दिया गया।
कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया, ‘‘जेएसएलपीएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मंजूनाथ भजंत्री का तबादला कर उन्हें अगले आदेश तक रांची का उपायुक्त नियुक्त किया गया है।’’ भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2014 बैच के अधिकारी एवं रांची के उपायुक्त वरुण रंजन को झारखंड औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम में प्रबंध निदेशक के पद पर स्थानांतरित किया गया है और उन्हें खान आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है।
देवघर के उपायुक्त के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान भजंत्री ने आरोप लगाया था कि अगस्त 2022 में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और आठ अन्य लोग देवघर हवाई अड्डे के हवाई यातायात नियंत्रण (एटीएस) कक्ष में घुस गए और अपने चार्टर्ड विमान के लिए निर्धारित समय से पहले जबरन मंजूरी ले ली।
इसके बाद दोनों के बीच सोशल मीडिया मंच पर जंग छिड़ गई थी। दुबे ने अधिकारी के खिलाफ राजद्रोह में शामिल होने और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी, लेकिन झारखंड उच्च न्यायालय ने इस वर्ष अगस्त में प्राथमिकी रद्द कर दी।