लाइव न्यूज़ :

विशेष ट्रेन से बिहार लौटे मजदूरों का छलका दर्द, कहा- पेट की आग बुझाने के लिए सड़क से उठाकर जूठन खाना पड़ा, अब नहीं जायेंगे शहर

By एस पी सिन्हा | Updated: May 3, 2020 15:56 IST

जयपुर से ट्रेन से बिहार लौटे मजदूरों ने एक सुर में कहा कि घर लौटने के पीछे केवल एक ही मकसद रहा कि जब सभी तरफ से जीने का सहारा खत्म हो गया तो अंत मे घर ही एक सहारा बचा था. 

Open in App
ठळक मुद्देपैसे की कमी घर मे ही रहने के कारण हमलोग बाहर कमाने गए थे. मगर किसी तरह घर पर ही रहकर खेती किसानी कर घर वालों का पेट पालेंगे. 

पटना: कोरोना के कहर ने यह दिखा दिया कि आखिर गांव-घर क्या होता है? लॉकडाउन के दौरान घर-परिवार से सैकडों मील दूर रहने के बाद मजदूरों ने यह दर्द को और करीब से महसूस किया. जयपुर से ट्रेन से बिहार लौटे मजदूरों ने एक सुर में कहा कि घर लौटने के पीछे केवल एक ही मकसद रहा कि जब सभी तरफ से जीने का सहारा खत्म हो गया तो अंत मे घर ही एक सहारा बचा था. 

पैसे की कमी घर मे ही रहने के कारण हमलोग बाहर कमाने गए थे. मगर इस मुसीबत में घर ही सबसे ज्यादा काम आया. मजदूरों को इस बात कि कसक जरूर है कि घर पर काम की कमी जरूर है. मगर किसी तरह घर पर ही रहकर खेती किसानी कर घर वालों का पेट पालेंगे. 

हालांकि, उनके प्रखंड स्थित क्‍वारंटाइन सेंटर में इन सभी मजदूरों को निर्धारित समय तक रखा जाएगा, मगर सभी इस बात से बहुत खुश है कि अब वो अपने घर लौट चुके हैं. मेहनतकश मजदूरों को बेबसी ने ऐसा घेरा कि हौसला भी हांफ उठा. सिर्फ जिंदा रहने के लिए क्या कुछ नहीं झेला. 

पास में न राशन था और न पानी

कई-कई दिन भूख की मार सहते हुए गुजारे. एक वक्त तो ऐसा भी आया जब पेट की आग बुझाने के लिए सड़क से जूठन उठाकर हलक से उतारना पडा. लेकिन जिल्लत भरी इस लाचारी ने यह संकल्प दृढ कर दिया कि अब चाहे कुछ भी हो, अपने गांव-घर लौट जाएंगे और फिर कभी लौटकर नहीं आएंगे. विशेष ट्रेन से लौटे दिनेश यादव बताते हैं कि लॉकडाउन उनके लिए नरक से कम नहीं था. 

पास में न राशन था और न पानी. शुरू में तो कुछ दूर जाकर सूखा राशन लाकर कुछ भी बना लेते थे. लेकिन बाद में वह भी मिलना बंद हो गया. करीब दस दिन चना और पानी से गुजारा करना पडा. मजदूर बताते हैं कि कभी पैसे के खातिर अपना घर-परिवार छोड कर परदेश कमाने गए थे. मगर अब उसी पैसे की कमी के चलते गांव लौटने को मजबूर हैं. ज्यादातर मजदूरों का कहना है कि जहां नौकरी कर रहे थे, लॉकडाउन के चलते वहां से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. इसके बाद जब पैसा था, तब तक जिंदगी चल रही थी. मगर पैसे खत्म होते चले गए. ऐसे में घर लौटने के अलावा कोई और रास्ता नहीं रह गया था. घर आए इन लोगों के चेहरे पर परिवार की परवरिश की चिंता भी है. इन प्रवासियों का कहना है कि कम ही कमाएंगे, घर में ही कमाएंगे मगर अब ऐसी स्थिति में परदेश नहीं जाएंगे.

वापस लौटे मजदूरों के चेहरे पर घर वापसी की खुशी देखते बन रही है. वे लोग एक स्वर में कहते हैं मत पूछिए हुजूर क्या क्या नहीं सहना पडा. भोजन छोड हर कुछ मिल जाता था, जो लोग वहां के स्थानीय निवासी थे वह शुरू में फोन करते थे और कहते थे कि हमलोग साथ हैं. हर जरूरत पूरी करेंगे, लेकिन जब उनको फोन किया जाता था तो बात को टाल जाते और लॉक डाउन की मजबूरी बता देते थे. धैर्य रखने को कहा जाता था. आखिर धैर्य कैसे रखें. 

आज उनका परिवार भुखमरी के कगार पर है. सोशल मीडिया से अपने जनप्रतिनिधि को खबर पहुंचाई तो जवाब मिला सब ठीक हो जाएगा. लेकिन मदद कहीं से नहीं मिली. देर से ही सही अब घर पहुंच जायेंगे. लगता है जेल से आजादी मिल गई है. इनका कहना है कि सुबह से भोजन वाली गाडी का इंतजार करते, एक-दो कलछुल चावल और दाल मिल जाता था. शाम को तो भोजन मिलता ही नहीं था. जितने भी साथी थे सभी बेरोजगार. कोई किसी की मदद कैसे कर सकता था. जिन्दगी मानों नरक हो गई थी. अब जबकि गांव आ गये हैं तो नमक-रोटी खाकर के रह लेंगे, लेकिन अब नरक में नहीं जायेंगे. 

टॅग्स :कोरोना वायरसबिहार में कोरोना
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यCOVID-19 infection: रक्त वाहिकाओं 5 साल तक बूढ़ी हो सकती हैं?, रिसर्च में खुलासा, 16 देशों के 2400 लोगों पर अध्ययन

भारत'बादल बम' के बाद अब 'वाटर बम': लेह में बादल फटने से लेकर कोविड वायरस तक चीन पर शंका, अब ब्रह्मपुत्र पर बांध क्या नया हथियार?

स्वास्थ्यसीएम सिद्धरमैया बोले-हृदयाघात से मौतें कोविड टीकाकरण, कर्नाटक विशेषज्ञ पैनल ने कहा-कोई संबंध नहीं, बकवास बात

स्वास्थ्यमहाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 12 मामले, 24 घंटों में वायरस से संक्रमित 1 व्यक्ति की मौत

स्वास्थ्यअफवाह मत फैलाओ, हार्ट अटैक और कोविड टीके में कोई संबंध नहीं?, एम्स-दिल्ली अध्ययन में दावा, जानें डॉक्टरों की राय

भारत अधिक खबरें

भारतजब आग लगी तो ‘डांस फ्लोर’ पर मौजूद थे 100 लोग?, प्रत्यक्षदर्शी बोले- हर कोई एक-दूसरे को बचा रहा था और यहां-वहां कूद रहे थे, वीडियो

भारतडांस फ्लोर पर लगी आग..., कुछ ही पलों में पूरा क्लब आग की लपटों में घिरा, गोवा हादसे के चश्मदीद ने बताया

भारतगोवा के नाइट क्लब में भीषण आग, 25 लोगों की गई जान; जानें कैसे हुआ हादसा

भारतGoa Club Fire: नाइट क्लब अग्निकांड में मरने वालों की संख्या बढ़कर 25 हुई, 4 पर्यटकों समेत 14 कर्मचारियों की मौत

भारतGoa Fire: गोवा नाइट क्लब आग मामले में पीएम ने सीएम सावंत से की बात, हालातों का लिया जायजा