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बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था, बदहाली की खुली पोल, नाराज प्रधान सचिव ने सिविल सर्जनों को लगाई फटकार

By एस पी सिन्हा | Updated: December 15, 2020 19:39 IST

बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था लचर है. खुद ही आईसीयू में है. नीतीश सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने दौरा किया. हालत देखकर दंग रह गए. सरकारी अस्पताल बद से बदतर है.

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ठळक मुद्देबिहार में डॉक्टर मरीज अनुपात पूरे देश में सबसे ख़राब है.विश्व स्वास्थ्य संगठन के नियमों अनुसार प्रति एक हज़ार आबादी एक डॉक्टर होना चाहिए.

पटनाः बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर लगातार सवाल खडे़ होते रहते हैं. कोरोना काल में राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर काफी फजीहत हुई, जिसके बाद बिहार सरकार स्वास्थ्य विभाग को सुदृंढ करने में जुटी हुई है.

 

बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार के निर्देश पर सभी 38 जिलों के जिलाधिकारियों ने विभिन्न अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान राज्य के सरकारी अस्पतालों की स्थिति काफी बदतर दिखी. निरीक्षण के दौरान सरकारी जिला एवं अनुमंडलीय अस्पतालों में एक्स-रे व सिटी स्कैन की सुविधाओं व साफ-सफाई की कमी पाई गई.

इस निरीक्षण के फीडबैक के आधार पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी जिलों के सिविल सर्जन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठककर खूब फटकार लगाई है. सिविल सर्जनों को जल्द से जल्द स्वास्थ्य सुविधाओं को बहाल करने और अस्पतालों में साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया.

सदर अस्पतालों और अनुमंडलीय अस्पतालों में एक्स-रे, सिटी स्कैन की सुविधाओं और साफ-सफाई की लचर व्यवस्था का देखकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत काफी आगबबूला हो गए. जिलाधिकारियों द्वारा सरकारी अस्पतालों की स्थिति को लेकर दिए गए फीडबैक से सिविल सर्जनों से जानकारी तलब की.

प्रत्यय अमृत ने सिविल सर्जनों को जल्द से जल्द स्वास्थ्य सुविधाओं को बहाल करने और अस्पतालों में साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया. औचक निरिक्षण के दौरान पाया गया कि मरीजों के स्वास्थ्य की जांच को लेकर राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं के सुचारू संचालन में काफी कमी देखी गई.

विशेष रूप से एक्स-रे और सिटी स्कैन की सुविधाएं मरीजों को समय पर नहीं दी जा रही थी. विभागीय अधिकारियों ने सिविल सर्जनों को निर्देश दिया कि बंद पडे़ सिटी स्कैन और एक्स-रे शीघ्र शुरू कराएं. जहां यह सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा, वहां सभी कमियों को दूर करें. 

प्राप्त जानकारी के अनुसार अस्पताल के प्रभारी व अधीक्षकों से अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के बाबत जानकारी मांगी गई है. जिलाधिकारियों ने विभिन्न सरकारी अस्पतालों में मरीजों को राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले भोजन की सुविधा में भी कमी पाई. मरीजों को समय पर आवश्यक भोजन नहीं उपलब्ध होने की जानकारी मिली. इस तरह बिहार के अस्पतालों की कलई निरीक्षण के दौरान खुल गई है. 

टॅग्स :बिहारनीतीश कुमारभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)राष्ट्रीय रक्षा अकादमीजेडीयू
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