IISER प्रोफेसर ने कहा- उनका भीमा कोरेगांव मामले से कोई संबंध नहीं, एनआईए परेशान करने की कर रही है कोशिश

By भाषा | Published: September 7, 2020 07:02 AM2020-09-07T07:02:15+5:302020-09-07T07:02:15+5:30

भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) कोलकाता के प्रोफेसर रे ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं है, न ही वह कभी महाराष्ट्र के पुणे स्थित भीमा कोरेगांव स्मारक गए हैं।

Have no connection with Bhima-Koregaon case; NIA trying to harass me says IISER professor | IISER प्रोफेसर ने कहा- उनका भीमा कोरेगांव मामले से कोई संबंध नहीं, एनआईए परेशान करने की कर रही है कोशिश

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsआईआईएसईआर-कोलकाता के प्रोफेसर पार्थसारथी रे ने दावा कि उनका भीमा कोरेगांव घटना से कोई लेना-देना नहीं है।उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी ‘‘उन्हें परेशान करने की कोशिश कर रही है, जैसा अन्य बुद्धजीवियों के साथ किया गया है।

कोलकाताभीमा कोरेगांव में 2018 में हुई हिंसा के सिलसिले में पूछताछ के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा सम्मन भेजे जाने के कुछ दिन बाद आईआईएसईआर-कोलकाता के प्रोफेसर पार्थसारथी रे ने रविवार को दावा कि उनका इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है और जांच एजेंसी ‘‘उन्हें परेशान करने की कोशिश कर रही है, जैसा अन्य बुद्धजीवियों के साथ किया गया है।’’

इस हिंसा की घटना के सिलसिले में रे को तलब किये जाने पर 200 से अधिक बुद्धिजीवियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने एक खुले पत्र में दावा किया है कि यह असहमति और विरोध की आवाजों को दबाने के लिए फासीवादी शासन की दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई का भयावह प्रयास है।

भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) कोलकाता के प्रोफेसर रे ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं है, न ही वह कभी महाराष्ट्र के पुणे स्थित भीमा कोरेगांव स्मारक गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘एजेंसी (एनआईए) ने सीआरपीसी की धारा 160 के तहत मामले में एक गवाह के तौर पर मुझे तलब किया है। इस मामले से मेरा कोई ताल्लुक नहीं है, क्योंकि मैं कभी भीमा कोरेगांव नहीं गया हूं। मुझे तो मामले की जानकारी भी अखबार में खबर पढ़ने से मिली है।’’

एनआईए ने रे को नोटिस जारी कर भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में 10 सितंबर को उसके मुंबई के कार्यालय में पेश होने को कहा है। रे ‘‘परसीक्यूटिड प्रिज़नर्स सॉलिडेरिटी कमेटी’’ (पीपीएससी) की पश्चिम बंगाल इकाई के संयोजक भी हैं। यह मामला भीमा कोरेगांव युद्ध स्मारक के पास एक जनवरी 2018 को जातीय हिंसा से संबंधित है।

रे ने कहा, ‘‘यह मुझे तंग करने और धमकाने के हथकंडे के सिवा कुछ नहीं है, जैसा पूरे भारत के अन्य शिक्षाविदों एवं बुद्धजीवियों के साथ किया जा रहा है। मैं जैव चिकित्सा वैज्ञानिक हूं और कोविड-19 से निपटने की लड़ाई में शामिल हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं भी सताए गए और वंचितों के साथ लगातार खड़ा रहा हूं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे इस अहम समय में इस तरह से परेशान किया जा रहा है।’’ 

Web Title: Have no connection with Bhima-Koregaon case; NIA trying to harass me says IISER professor

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे