हाथरस केस: पीड़िता के घर रही 'संदिग्ध' महिला है फॉरेंसिक साइंस की प्रोफेसर, कहा- 'मैं नक्सली नहीं, कानूनी कार्रवाई करूंगी'

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: October 11, 2020 07:14 AM2020-10-11T07:14:44+5:302020-10-11T07:14:44+5:30

हाथरस मामले के बाद हाल ही में पीड़िता के परिवार में एक संदिग्ध महिला के कुछ दिनों तक मौजूद रहने और फिर वहां से चुपचाप गायब होने की बात सूत्रों के हवाले से खूब चर्चा में रही. अब हालांकि, इस मामले में नया खुलासा हुआ है.

Hathras case: 'suspected' woman is professor of forensic science, said she is not a Naxalite | हाथरस केस: पीड़िता के घर रही 'संदिग्ध' महिला है फॉरेंसिक साइंस की प्रोफेसर, कहा- 'मैं नक्सली नहीं, कानूनी कार्रवाई करूंगी'

हाथरस केस: फॉरेंसिक साइंस की प्रोफेसर हैं डॉ. राजकुमारी बंसल (फाइल फोटो)

Highlightsहाथरस मामले में चर्चा में रही 'संदिग्धट' महिला आई सामने, कहा- मेरा कोई नक्सल कनेक्शन नहींजबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में फॉरेंसिक विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं डॉ.राजकुमारी बंसल

हाथरस मामले में चल रही जांच के बीच एक महिला की चर्चा काफी हो रही है. दरअसल, पीडि़ता के घर पर एक फर्जी महिला रिश्तेदार के रहने की बात सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस ने इस मामले की जांच भी शुरू कर दी है. दरअसल, पिछले दिनों पीड़िता के परिवार में एक महिला रिश्तेदार देखी गई थी. कहा गया ये महिला खुद को भाभी बता रही थी. 

मीडिया में आई खबरों के अनुसार यह महिला मध्यप्रदेश जबलपुर की रहने वाली है और अपना नाम डॉ. राजकुमारी बंसल बताया था. केवल दलित होने के नाते परिवार के लोगों को भरोसे में लेकर वह कई दिनों से यहां रह रही थी. महिला जबलपुर मेडिकल कॉलेज में खुद को प्रफेसर बता रही थी. बताया गया कि पुलिस को जब शक हुआ तो महिला चुपचाप वहां से गायब हो गई. 

नक्सली कनेक्शन के आरोप पर भड़कीं डॉ. राजकुमारी

इस बीच जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में फॉरेंसिक विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.राजकुमारी बंसल ने आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने कहा, 'मैंने कभी पीडि़ता की भाभी होने का दावा नहीं किया. अगर कोई मुझे उसकी भाभी समझ ले, तो मेरी गलती नहीं है.' 

राजकुमारी बंसल ने स्वीकार किया कि वे 4 से 7 अक्तूबर तक पीडि़ता के के घर में रही थीं. उन्होंने कहा कि उनका मकसद पीडि़त परिवार को संबल देना था. मैं फॉरेंसिक रिपोर्ट देखने गई थी, क्योंकि मैं इस विषय की एक्सपर्ट हूं.

डॉ. बंसल ने कहा, 'मैंने भाभी बनकर कभी इंटरव्यू नहीं दिया. मैंने कहा कि मैं बेटी हूं. पीड़ित परिवार से मेरा कोई रिश्ता नहीं है. मैं केवल आत्मीयता के तौर पर हाथरस गैंगरेप पीडि़ता के घर गई थी. मेरा किसी भी तरह से कोई नक्सल कनेक्शन नहीं है. ऐसा प्रचारित करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगी.' 

यूपी एसआईटी की जांच पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि एसआईटी पहले उनके नक्सलियों से संबंध होने का पेश करें. इस बीच, पीड़िता के परजिनों ने कहा कि वह महिला कोई नक्सली नहीं है. यह सब एक साजिश है. हमारे यहां आने वालों को आतंकवादी बताया जा रहा है.

मीडिया में बयान देने को लेकर परिवार को कर रही थीं गाइड!

सूत्रों का कहना है कि डॉ.राजकुमारी बंसल मीडिया में क्या बयान देना है, इस बारे में परिवार को लगातार गाइड कर रही थी. बताया जाता है कि वे घटना के दो दिन बाद 16 सितंबर से ही पीडि़ता के गांव में सक्रिय हो गई थी. 

बता दें कि इस मामले में पीएफआई कनेक्शन की भी बात कही जा चुकी है. सरकार की ओर से कहा गया था कि हाथरस में जातिगत हिंसा फैलाने के लिए बाहर से पैसा आया. यही नहीं जांच एजेंसियां हाथरस कांड के बहाने सांप्रदायिक हिंसा भड़काने में एक वेबसाइट की भूमिका खंगाल रही हैं. 

आरोप है कि जस्टिसफॉरहाथरस नाम से बनी इस वेबसाइट पर जाति संबंधी हिंसा को भड़काने के लिए हाथरस की घटना से संबंधित फर्जी सूचनाएं दी गईं. हालांकि अब यह वेबसाइट इनऐक्टिव हो गई है.

Web Title: Hathras case: 'suspected' woman is professor of forensic science, said she is not a Naxalite

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे