हाथरस मामला: आरोपियों ने जेल से लिखी चिट्ठी, कहा- 'हम बेकसूर, पीड़िता के साथ थी दोस्ती, मामला ऑनर किलिंग का है'
By विनीत कुमार | Published: October 8, 2020 10:33 AM2020-10-08T10:33:29+5:302020-10-08T10:35:11+5:30
हाथरस मामले में जेल में बंद आरोपियों ने चिट्ठी लिखकर कहा है कि वे पूरी तरह निर्दोष हैं और पीड़िता की मौत ऑनर किलिंग का मामला है। मुख्य आरोपी संदीप ने लिखा है कि उसकी पीड़िता के साथ दोस्ती थी।
हाथरस में एक दलित युवती के साथ कथित तौर पर हुए गैंगरेप और उसकी हत्या के आरोप में जेल में बंद चार आरोपियों ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) को चिट्ठी लिखकर बिना किसी पक्षपात के जांच की मांग की है।
इस चिट्ठी में चारों आरोपियों ने दावा किया है कि वे निर्दोष हैं। घटना के मुख्य आरोपी संदीप ने दावा किया है कि उसकी पीड़िता के साथ दोस्ती थी। आरोपियों ने लिखा है कि इससे पीड़िता का परिवार नाराज था और यह मामला दरअसल ऑनर किलिंग का है।
एसपी को भेजे गए चिट्ठी में चारों आरोपियों के हस्ताक्षर भी हैं। संदीप ने कहा उसकी कभी-कभी पीड़िता से फोन पर बात भी हो जाती थी। संदीप के अनुसार ये बात पीड़िता के घर वालों को पसंद नहीं थी।
संदीप ने चिट्ठी में लिखा है कि घटना वाले दिन पीड़िता ने उसे मिलने के लिए खेत में बुलाया था। संदीप के अनुसार जब वो वहां गया तो खेत में पीड़िता के साथ उसकी मां और भाई भी मौजूद थे। ऐसे में वह पीड़िता के कहने पर अपने घर लौट गया।
संदीप के अनुसार वह अपने पिता के साथ पशुओं को पानी पिला रहा था तभी उसे लड़की के साथ मां और भाई के मारपीट करने की सूचना मिली। आरोपी के अनुसार उसे पता चला कि लड़की को बहुत गंभीर चोटें आई हैं और बाद में उसकी मौत हो गई।
इससे पहले सूत्रों के हवाले से ये बात बुधवार को सामने आई थी कि पीड़िता के भाई के मोबाइल मुख्य आरोपी के बीच फोन पर कई बार पिछले कुछ दिनों में बातें हुई थीं। यूपी पुलिस की कॉल डिटेल्स के अनुसार 13 अक्टूबर, 2019 से 100 से ज्यादा बार दोनों ओर फोन गए या आए।
इस बीच यूपी सरकार की ओर से मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी की समयसीमा भी 10 दिनों के बढ़ा दी गई। बता दें कि हाथरस की घटना 14 सितंबर को हुई थी। रिपोर्ट्स के अनुसार पीड़िता के साथ गैंगरेप की बात परिवार की ओर से कही गई।
पीड़िता को गंभीर हालत में पहले अलीगढ़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में स्थिति गंभीर होने पर उसे दिल्ली के सफदरजंद अस्पताल भेजा गया, जहां 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई। इस केस में पीड़िता का रात में दाह संस्कार कराने को लेकर यूपी सरकार और प्रशासन भी निशाने पर रही है।