हरियाणा चुनाव: अशोक तंवर ने किया दुष्यंत चौटाला की जेजेपी के समर्थन का ऐलान, कांग्रेस के खिलाफ करेंगे प्रचार
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: October 17, 2019 08:01 AM2019-10-17T08:01:46+5:302019-10-17T08:01:46+5:30
Ashok Tanwar: हाल ही में कांग्रेस थोड़ने वाले अशोक तंवर ने आगामी विधानसभा चुनावों में दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी के समर्थन का ऐलान किया है
नई दिल्ली। हाल ही में कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अशोक तंवर ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में आज जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के समर्थन का ऐलान किया और कहा कि पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला को मुख्यमंत्री बनाने के लिए राज्य की सभी 36 बिरादरी को साथ देना चाहिए। राज्य में मतदान से कुछ दिनों पहले दिल्ली में तंवर ने दुष्यंत की मौजूदगी में जजपा को समर्थन की घोषणा की।
गत पांच अक्तूबर को तंवर ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और आरोप लगाया था कि कांग्रेस में राहुल गांधी के करीबी नेताओं की 'राजनीतिक हत्या' की जा रही है और मेहनत करने वालों की उपेक्षा हो रही है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे तंवर विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले खुद को पद से हटाए जाने और टिकट वितरण में अपने समर्थकों की कथित अनदेखी के चलते नाराज थे।
तंवर ने कहा, '' मैंने अपने साथियों के साथ सलाह मशविरा करने के बाद विधानसभा चुनाव में जननायक जनता पार्टी को समर्थन देने का निर्णय लिया है।'' उन्होंने कहा,''हम अच्छे लोगों का समर्थन करेंगे। मेरी यह मुहिम केवल विधानसभा चुनावों तक सीमित नहीं है।''
कांग्रेस के पूर्व नेता ने कहा, ''दुष्यंत को मुख्यमंत्री बनाने के लिए प्रदेश की सभी 36 बिरादरी का साथ देना चाहिए और मेरा उनको पूरा समर्थन है।'' उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस का घमंड चूर-चूर होने जा रहा है और वह प्रदेश में तीसरे व चौथे नंबर की लड़ाई लड़ रही है।
समर्थन के लिए तंवर का धन्यवाद करते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा ''यह साथ केवल विधानसभा चुनाव तक नहीं रहेगा बल्कि आगे भी देश भर में घूम-घूम कर सहयोग जुटाया जाएगा।''
उन्होंने कहा कि आज लड़ाई केवल हरियाणा की नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण की है जो अब थमने वाली नहीं है। दिल्ली में रविदास मंदिर का मुद्दा उठाते हुए चौटाला ने कहा, ''संत रविदास मंदिर मामले में आज भी 96 लोग तिहाड़ जेल में बंद हैं जिनमें से 55 अकेले हरियाणा से हैं। अफसोस की बात यह है कि केंद्र सरकार ने इस घटना के लिए खेद भी नहीं जताया।''