महाराष्ट्र: अगर अमित शाह ढाई साल के लिए शिवसेना को सीएम पद देते तो एमवीए नहीं बनता, बोले उद्धव ठाकरे
By रुस्तम राणा | Published: July 1, 2022 03:36 PM2022-07-01T15:36:59+5:302022-07-01T15:40:54+5:30
उद्धव ठाकरे ने कहा कि ये जो कल हुआ, मैं पहले ही अमित शाह से कह रहा था कि 2.5 साल शिवसेना का मुख्यमंत्री हो और वही हुआ। पहले ही अगर ऐसा करते तो महा विकास अघाडी का जन्म ही नहीं होता।
मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी गठबंधन की सरकार बनने पर पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। ठाकरे ने कहा कि अगर अमित शाह ने अपनी बात रखी होती तो आज भारतीय जनता पार्टी का मुख्यमंत्री होता। उन्होंने कहा कि ये जो कल हुआ, मैं पहले ही अमित शाह से कह रहा था कि 2.5 साल शिवसेना का मुख्यमंत्री हो और वही हुआ। पहले ही अगर ऐसा करते तो महा विकास अघाडी का जन्म ही नहीं होता।
ठाकरे ने कहा - शिवसेना के मुख्यमंत्री नहीं हैं एकनाथ शिंदे
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से सरकार बनी है और एक तथाकथित शिवसेना कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री बनाया गया है, मैंने अमित शाह से यही कहा था। उन्होंने कहा, ये सम्मानपूर्वक किया जा सकता था। शिवसेना आधिकारिक तौर पर(उस समय) आपके साथ थी। यह मुख्यमंत्री (एकनाथ शिंदे) शिवसेना के नहीं हैं।
मेट्रो शेड के प्रस्ताव में बदलाव को लेकर बोले ठाकरे
वहीं मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के कुछ घंटों बाद, एकनाथ शिंदे ने मुंबई में विवादास्पद मेट्रो कार शेड परियोजना पर उद्धव ठाकरे सरकार के रुख को कथित रूप से उलटने के लिए कदम बढ़ाया है। इस पर उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर का गुस्सा मुंबई के लोगों पर न निकाले। उन्होंने कहा कि मेट्रो शेड के प्रस्ताव में बदलाव न करें। मुंबई के पर्यावरण के साथ खिलवाड़ न करें।
दो दिवसीय विशेष सत्र 3 जुलाई से होगा शुरू
वहीं महाराष्ट्र विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र तीन जुलाई से शुरू होगा। राज्य विधानमंडल सचिवालय द्वारा विधानसभा सदस्यों को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सदन के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव 3 जुलाई को होगा। पद के लिए नामांकन 2 जुलाई को दोपहर 12 बजे तक स्वीकार किए जाएंगे।
SC में 11 जुलाई को होगी महत्वपूर्ण सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट 11 जुलाई को एक याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार है, जिसमें शिवसेना द्वारा दायर एक याचिका भी शामिल है, जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विद्रोही पार्टी के नेताओं को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है। शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु ने शुक्रवार को शीर्ष अदालत का रुख कर उन्हें सदन से निलंबित करने की मांग की, जब तक कि उनकी अयोग्यता पर अंतिम निर्णय नहीं हो जाता। प्रभु ने उन्हें विधानसभा में प्रवेश करने से रोकने का आदेश भी मांगा है।