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लॉकडाउन के बाद खुलने वाली फैक्टरियों के लिए गाइडलाइन, इन बातों का रखना होगा ख्याल

By भाषा | Updated: May 10, 2020 11:34 IST

एनडीएमए के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि उद्योगों के संचालन संबंधी सुरक्षा के सभी प्रोटोकॉल सुनिश्चित करने के बाद पहले हफ्ते में प्रायोगिक तौर पर काम शुरू किया जाना चाहिए। इसमें कहा गया है कि कंपनियों को लॉकडाउन के बाद पहले ही हफ्ते से अधिक उत्पादन के लक्ष्यों को हासिल करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

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ठळक मुद्देएनडीएमए ने विशाखापत्तनम जैसे हादसों से बचने के लिए उद्योगों को फिर से खोलने को दिशानिर्देश जारी किएसरकार ने जोर देते हुए कहा कि पहले सप्ताह को ट्रायल के तौर पर देखा जाना चाहिए।

नई दिल्ली: विशाखापत्तनम में एक फैक्ट्री में गैस रिसाव की घटना के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने लॉकडाउन के बाद उद्योगों को फिर से खोलने और कामगारों के साथ-साथ संयंत्रों की सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले एहतियाती कदमों के लिए विस्तार से दिशानिर्देश जारी किए हैं।

सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे संदेश में एनडीएमए ने कहा कि कई हफ्तों तक लॉकडाउन और उद्योग बंद रहने के कारण ऐसा हो सकता है कि कुछ संचालक पहले से स्थापित मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन नहीं कर रहे हों। ऐसे में हो सकता है कि कुछ विनिर्माण संयंत्रों, पाइपलाइन, वॉल्व आदि में कुछ रसायन बचा हो जिससे जोखिम पैदा हो सकता है। कुछ यही बात नुकसान पहुंचाने वाले रसायनों और आग पकड़ने वाली सामग्री की भंडारण सुविधाओं के साथ भी लागू होती है।

एनडीएमए के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि उद्योगों के संचालन संबंधी सुरक्षा के सभी प्रोटोकॉल सुनिश्चित करने के बाद पहले हफ्ते में प्रायोगिक तौर पर काम शुरू किया जाना चाहिए। इसमें कहा गया है कि कंपनियों को लॉकडाउन के बाद पहले ही हफ्ते से अधिक उत्पादन के लक्ष्यों को हासिल करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

कारखाना परिसरों को चौबीसों घंटे सैनिटाइज रखन चाहिए। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि कारखाना परिसरों को प्रत्येक दो-तीन घंटे बाद सैनिटाइज किया जना चाहिए। विशेष रूप से भोजन के स्थल और मेजों को। प्रत्येक बार इस्तेमाल के बाद इन्हें कीटाणुनाशक से साफ किया जाना चाहिए। इसके अलावा कामगारों के रहने के स्थान को नियमित रूप से सैनिटाइज किया जाना चाहिए जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

जोखिम को कम करने के लिए यह जरूरी है कि कर्मचारी जिन विशेष उपकरणों पर काम कर रहे हैं उन्हें सैनिटाइज किया जाए। साथ ही उन्हें किसी असामान्य स्थिति मसलन आवाज या दुर्गंध, लीकेज या किसी तरह की कंपन आदि के बारे में जागरूक किया जाए। 

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