यूपी में जीएसटी टीम की छापेमारी को लेकर मायावती योगी सरकार पर हुईं हमलावर, ट्वीट कर कही ये बात
By मनाली रस्तोगी | Published: December 14, 2022 11:06 AM2022-12-14T11:06:36+5:302022-12-14T11:07:51+5:30
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों व कार्यशैली आदि का ही परिणाम है कि पहले से ही नए जीएसटी राज के जंजाल से पीड़ित व्यापारी वर्ग अब यूपी में भी जीएसटी सर्वे/छापेमारी से तंग व दुखी होकर बाजार बंद एवं आन्दोलन करने को मजबूर हो रहे हैं, जिसका निवारण जरूरी।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बुधवार को योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा। मायावती ने ट्वीट किया, "सरकार की गलत नीतियों व कार्यशैली आदि का ही परिणाम है कि पहले से ही नए जीएसटी राज के जंजाल से पीड़ित व्यापारी वर्ग अब यूपी में भी जीएसटी सर्वे/छापेमारी से तंग व दुखी होकर बाजार बंद एवं आन्दोलन करने को मजबूर हो रहे हैं, जिसका निवारण जरूरी।"
2. साथ ही, गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई के इस कठिन दौर में लोगों की क्रय शक्ति काफी घट गई है, फिर भी गरीब व मजदूर वर्ग दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर भी जीएसटी की महंगी दर चुकानेे को मजबूर है, किन्तु सरकार निश्चिन्त है कि उसका जीएसटी कलेक्शन बढ़ रहा है, क्या ऐसी सोच उचित, जनहितैषी?
— Mayawati (@Mayawati) December 14, 2022
एक अन्य ट्वीट में बसपा प्रमुख मायावती ने लिखा, "साथ ही, गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई के इस कठिन दौर में लोगों की क्रय शक्ति काफी घट गई है, फिर भी गरीब व मजदूर वर्ग दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर भी जीएसटी की महंगी दर चुकाने को मजबूर है, किन्तु सरकार निश्चिन्त है कि उसका जीएसटी कलेक्शन बढ़ रहा है, क्या ऐसी सोच उचित, जनहितैषी?"
उप्र के समस्त व्यापार संघों को संयुक्त रूप से जीएसटी की पक्षपातपूर्ण छापेमारी का विरोध करना चाहिए। सपा हर व्यापारी के साथ है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 11, 2022
व्यापारियों के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण उप्र में घटते व्यापार को और घटायेगा। ये छापेमारी भ्रष्टाचार का नया तरीका है।
निंदनीय!
बताते चलें कि कुल 248 स्टेट जीएसटी टीमों ने उत्तर प्रदेश के 71 जिलों में 5वें दिन भी व्यापारियों पर छापेमारी की। वहीं, मायावती से पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि यूपी के समस्त व्यापार संघों को संयुक्त रूप से जीएसटी की पक्षपातपूर्ण छापेमारी का विरोध करना चाहिए। सपा हर व्यापारी के साथ है। व्यापारियों के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण उप्र में घटते व्यापार को और घटायेगा। ये छापेमारी भ्रष्टाचार का नया तरीका है। निंदनीय!