गवर्नर को होटल में आकर शिवसेना, राकांपा, कांग्रेस के 162 विधायकों को देखना चाहिएः राउत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 25, 2019 05:47 PM2019-11-25T17:47:13+5:302019-11-25T18:07:33+5:30
इस बीच संजय राउत ने ट्वीट कर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर हमला बोला है। संजय राउत ने कहा कि राज्यपाल को सोमवार शाम को मुंबई के होटल में आकर शिवसेना, राकांपा, कांग्रेस के 162 विधायकों को देखना चाहिए।
शिवसेना नेता संजय राउत लगातार मोदी सरकार और महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोल रहे हैं। शिवसेना सांसद ने कहा कि भाजपा नेता अगर सत्ता से दूर रहे तो उनका दिमाग खराब हो जाएगा।
इस बीच संजय राउत ने ट्वीट कर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर हमला बोला है। संजय राउत ने कहा कि राज्यपाल को सोमवार शाम को मुंबई के होटल में आकर शिवसेना, राकांपा, कांग्रेस के 162 विधायकों को देखना चाहिए।
शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस मुंबई के एक पांच सितारा होटल में सोमवार की शाम को अपने 162 विधायकों की ‘‘परेड’’ कराएगी। शिवसेना के नेता संजय राउत ने ट्वीट कर राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से अपील की कि तीनों दलों के विधायकों की ‘‘परेड’’ को वह देखें।
राउत ने राज्यपाल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को टैग करते हुए लिखा, ‘‘हम सब एक हैं और साथ हैं, हमारे 162 विधायकों को पहली बार शाम सात बजे ग्रांड हयात में देखिए, महाराष्ट्र के राज्यपाल खुद आएं और देखें।’’ राकांपा के एक नेता ने कहा, ‘‘जनभावना को अपनी तरफ करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। जब हम 162 विधायकों का एक हॉल में परेड कराएंगे, तो पूरा देश देखेगा कि भाजपा राज्यपाल के पद का दुरुपयोग कर महाराष्ट्र में गंदा खेल कर रही है।’’ शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के विधायक फिलहाल मुंबई के अलग-अलग होटलों में ठहरे हुए हैं।
Sanjay Raut, Shiv Sena: We are all one and together , watch our 162 (MLAs) together for the first time at Grand Hyatt (in Mumbai) at 7 pm, come and watch yourself Maharashtra Governor. pic.twitter.com/lzZZdYYyzN
— ANI (@ANI) November 25, 2019
महाराष्ट्र में सरकार गठन पर उच्चतम न्यायालय मंगलवार को फैसला देगा, जबकि भाजपा और शिवसेना गठबंधन, दोनों बहुमत होने का दावा कर रहे हैं। दूसरी ओर संसद में कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिये स्थगित कर दी गई। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन के मुद्दे को लेकर शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन की याचिका पर मंगलवार को आदेश सुनाया जायेगा।
इस गठबंधन ने भाजपा नेता देवेन्द्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले को चुनौती दे रखी है। राज्य में राजनीतिक हलके में अनिश्चितता बढ़ गयी है क्योंकि केन्द्र ने सोमवार को भी यही दावा किया कि महाराष्ट्र में सरकार गठित करने के लिये भाजपा को राकांपा के 54 विधायकों का समर्थन था। केन्द्र ने न्यायालय से अनुरोध किया कि राज्यपाल के फैसले के खिलाफ याचिका पर जवाब देने के लिये उसे दो तीन दिन का वक्त दिया जाये।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम में राज्यपाल ने शनिवार की सुबह भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री और राकांपा नेता अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी। इसके बाद से शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा ने अपने-अपने विधायकों को मुंबई के अलग-अलग होटलों में ठहराया है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने सोमवार को दावा किया कि पत्रकारों से बातचीत में राउत ने कहा कि जब शिवसेना-राकांपा- कांग्रेस की संयुक्त सरकार राज्य में आएगी तब वह महाराष्ट्र के विभिन्न इलाकों में ‘ऐसे लोगों के लिए’ मानसिक स्वास्थ्य के लिए क्लिनिक खोलेगी। राउत ने दावा किया, ‘‘सदन पटल पर हम बहुमत साबित करने जा रहे हैं। अगर उन्हें सत्ता से दूर कर दिया गया तो ऐसे में भाजपा नेताओं का दिमाग खराब हो जाएगा । वे मानसिक संतुलन खो देंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ एक बार जब हम सरकार बना लेंगे तो भाजपा नेताओं की मानसिक बीमारी का इलाज कराने के लिए विशेष अस्पताल बनाएंगे।’’ राउत ने कहा कि उनकी पार्टी, राकांपा और कांग्रेस के पास जरूरी बहुमत है और वे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के समक्ष साबित कर देंगे कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए जरूरी संख्या उनके पास है। राउत ने कहा कि सदन में बहुमत साबित करने के लिए शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के पास अपने विधायकों के हस्ताक्षर हैं।
शिवसेना नेता ने कहा कि भाजपा ने बिना बहुमत राज्य में सरकार बनाने के लिए ‘चंबल के डकैतों’’ जैसा काम किया है। राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘जब विधानसभा में शक्ति परीक्षण होगा तो शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के पास भाजपा से कम से कम 10 विधायक अधिक होंगे।’’ भाजपा के अजित पवार और राकांपा के कुछ विधायकों की मदद से शनिवार को महाराष्ट्र में सत्ता में लौटने के बाद से ही शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी के कुछ विधायक ‘‘लापता’’ हो गए थे।
राउत ने आरोप लगाया कि राकांपा के चार विधायकों को ‘‘भाजपा या हरियाणा पुलिस ने हिरासत में ले लिया’’ क्योंकि वहां पार्टी सत्ता में है। उन्होंने कहा, ‘‘वे सत्ता के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि शिवसेना कार्यकर्ताओं ने हरियाणा के गुरुग्राम में एक होटल से राकांपा के चार विधायकों को ‘‘छुड़ाया।’’ उल्लेखनीय है कि भाजपा और शिवसेना ने पिछले महीने गठबंधन में चुनाव लड़ा और क्रमश: 105 और 56 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत हासिल किया था।
हालांकि, शिवसेना के मुख्यमंत्री पद की मांग को भाजपा द्वारा ठुकराए जाने के बाद यह गठबंधन टूट गया। राकांपा और कांग्रेस ने 21 अक्टूबर को हुए चुनाव में क्रमश: 54 और 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी। राउत ने कहा कि उन्होंने सुना कि भाजपा ढाई साल के लिए अजित पवार के साथ मुख्यमंत्री पद साझा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘वे हमारे साथ ऐसा करने के लिए तैयार नहीं थे। भाजपा जब बहुमत साबित करने आएगी तो हम उसे हरा देंगे।’’
उन्होंने राज्य के पहले मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता यशवंतराव चव्हाण का उदाहरण भी दिया जिन्होंने राज्यपाल से निमंत्रण मिलने के बावजूद तब सरकार बनाने का दावा जताने से इनकार कर दिया था। राउत ने कहा कि चव्हाण ने कहा था कि चूंकि उनकी पार्टी सदन में सबसे बड़ी पार्टी नहीं है तो वह सरकार बनाने का दावा पेश नहीं कर सकते।
अजित पवार को राकांपा के विधायक दल के नेता पद से हटाए जाने के बावजूद उन्हें पार्टी में लौटने के लिए पार्टी के नेताओं द्वारा मनाए जाने के कारणों के बारे में पूछने पर राउत ने कहा, ‘‘कोई भी नहीं चाहता कि राजनीति के चलते परिवार बंट जाए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि मैं भी मनसे प्रमुख राज ठाकरे (उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई) के पास गया था जब उन्होंने शिवसेना छोड़ी थी।’’ शिवसेना नेता ने कहा कि अजित पवार ने भाजपा को समर्थन देने का फैसला भावनाओं में बहकर लिया होगा जिसे उनकी पार्टी के नेता ठीक करना चाहते हैं।