लाइव न्यूज़ :

2021 की जनगणना में इकट्ठा किए जाएंगे OBC समुदाय के आंकड़े, 3 साल में पूरी होगा सेंसस

By भाषा | Updated: August 31, 2018 20:29 IST

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 2021 की जनगणना के लिए तैयारियों की समीक्षा की जिसके बाद ओबीसी आंकड़े एकत्रित करने के फैसले का खुलासा किया गया।

Open in App

नयी दिल्ली, 31 अगस्त (भाषा) साल 2021 की जनगणना में आजाद भारत में पहली बार अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) से संबंधित आंकड़े एकत्रित किये जाएंगे। यह कदम 2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।देश में 1931 की जनगणना में आखिरी बार एकत्रित किए गए जातिगत आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई मंडल आयोग की सिफारिशों पर तत्त्कालीन वी पी सिंह सरकार ने ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की थी। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 2021 की जनगणना के लिए तैयारियों की समीक्षा की जिसके बाद ओबीसी आंकड़े एकत्रित करने के फैसले का खुलासा किया गया।गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पहली बार ओबीसी से संबंधित आंकड़े भी इकट्ठा करने का विचार किया गया है।’’ 

लंबे समय से हो रही है माँगसांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन की एक शाखा राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) ने 2006 में देश की आबादी पर नमूना सर्वेक्षण रिपोर्ट की घोषणा की और कहा कि देश में ओबीसी आबादी कुल आबादी की करीब 41 फीसदी है।एनएसएसओ ने ग्रामीण इलाकों में 79,306 परिवारों और शहरी इलाकों में 45,374 परिवारों की गणना की।सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 2019 के लोकसभा चुनावों में 2021 जनगणना में ओबीसी आंकड़े एकत्रित करने के फैसले का उल्लेख कर सकती है क्योंकि कई ओबीसी संगठन लंबे समय से इसके लिए मांग कर रहे हैं।संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) ने 2011 में सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना कराई थी और मौजूदा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने तीन जुलाई 2015 में इसके नतीजों का ऐलान किया।इसके बाद 28 जुलाई 2015 को सरकार ने कहा था कि जाति जनगणना के संबंध में कुल 8.19 करोड़ गलतियां पाई गई हैं जिनमें से 6.73 करोड़ गलतियां सुधार दी गई। हालांकि 1.45 करोड़ गलतियों में अभी सुधार नहीं किया गया है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जनगणना 2021 तीन वर्षों में पूरी हो जाएगी।

समीक्षा बैठकआज की समीक्षा बैठक में गृह मंत्री ने इसके रोडमैप पर चर्चा की। इस बात पर जोर दिया गया कि डिजाइन और तकनीकी चीजों में सुधार पर जोर दिया जाए ताकि जनगणना करने के तीन साल के भीतर आंकड़ों को अंतिम रूप दे दिया जाए।

अभी तक पूरे आंकड़े जारी करने में सात से आठ साल का समय लग जाता है। इस बड़ी कवायद के लिए 25 लाख से अधिक कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाता है। सिंह ने सिविल पंजीकरण प्रणाली खासतौर से दूरवर्ती इलाकों में जन्म और मृत्यु के पंजीकरण में सुधार करने तथा आंकड़ों का आकलन करने के लिए नमूना पंजीकरण प्रणाली को मजबूत करने जैसे कि शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर और प्रजनन दर पर भी जोर दिया।

टॅग्स :गृह मंत्रालयराजनाथ सिंह
Open in App

संबंधित खबरें

भारतDRDO के हाई-स्पीड रॉकेट-स्लेज ट्रायल में फाइटर जेट एस्केप सिस्टम की सफलता दिखाई गई | WATCH

भारतनमनाश स्याल कौन थे? दुबई एयर शो के दौरान तेजस क्रैश में जान गंवाने वाले पायलट

भारतNowgam Police Station Blast: नौगाम थाने में कैसे हुआ ब्लास्ट? गृह मंत्रालय ने दिए जांच के आदेश

बिहारBihar Assembly elections 2025: पहले चरण के रिकॉर्ड तोड़ मतदान से गदगद दिखे राजनाथ सिंह, कहा- 'दो तिहाई बहुमत एनडीए को हासिल हो सकती है'

भारतरक्षा क्षेत्र को बड़ा बढ़ावा देते हुए केंद्र ने सशस्त्र बलों के लिए 79,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी

भारत अधिक खबरें

भारत‘सिटीजन सर्विस पोर्टल’ की शुरुआत, आम जनता को घर बैठे डिजिटल सुविधाएं, समय, ऊर्जा और धन की बचत

भारतआखिर गरीब पर ही कार्रवाई क्यों?, सरकारी जमीन पर अमीर लोग का कब्जा, बुलडोजर एक्शन को लेकर जीतन राम मांझी नाखुश और सम्राट चौधरी से खफा

भारतलालू प्रसाद यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव पर ₹356000 बकाया?, निजी आवास का बिजली कनेक्शन पिछले 3 साल से बकाया राशि के बावजूद चालू

भारत2026 विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में हलचल, मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला, हुमायूं कबीर ने धर्मगुरुओं के साथ मिलकर फीता काटा, वीडियो

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल