New Law Regulate: नया विधेयक प्रसारण क्षेत्र में स्व-नियमन को मजबूत करेगा, ओटीटी व डिजिटल मीडिया तक विस्तारित, यहां पढ़े प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने क्या किया पोस्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 11, 2023 04:45 PM2023-11-11T16:45:31+5:302023-11-11T16:46:15+5:30
New Law Regulate: प्रसारण सेवाएं (नियमन) विधेयक,2023 केबल टेलीविजन नेटवर्क्स रेगुलेशन एक्ट, 1995 और प्रसारण क्षेत्र को शासित करने वाले अन्य नियमों व दिशानिर्देशों का स्थान लेगा तथा (प्रसारण) सामग्री पर स्व-नियमन को मजबूत करेगा।
New Law Regulate: सरकार ने शुक्रवार को एक मसौदा विधेयक जारी किया, जो ओटीटी (ओवर-द-टॉप) और डिजिटल मीडिया सामग्री सहित प्रसारण सेवाओं के लिए नियामक ढांचे को मजबूत करने का प्रावधान करता है।
प्रसारण सेवाएं (नियमन) विधेयक,2023 केबल टेलीविजन नेटवर्क्स रेगुलेशन एक्ट, 1995 और प्रसारण क्षेत्र को शासित करने वाले अन्य नियमों व दिशानिर्देशों का स्थान लेगा तथा (प्रसारण) सामग्री पर स्व-नियमन को मजबूत करेगा। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण कानून हमारे प्रसारण क्षेत्र के नियामक ढांचे को आधुनिक बनाएगा और पुराने अधिनियमों, नियमों व दिशानिर्देशों को एकीकृत करेगा तथा भविष्य-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाएगा।’’
Advancing the Honorable Prime Minister's vision for 'Ease of Doing Business' and 'Ease of Living,' we're proud to introduce the draft Broadcasting Services (Regulation) Bill.
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) November 10, 2023
This pivotal legislation modernizes our broadcasting sector's regulatory framework, replacing outdated…
मंत्रालय ने विधेयक पर क्षेत्र के विशेषज्ञों, प्रसारण सेवाएं प्रदानकर्ताओं और आम लोगों सहित हितधारकों से अगले महीने तक टिप्पणी मांगी है। विधेयक में प्रसारकों द्वारा सामग्री मूल्यांकन समितियां गठित करने और स्व-विनियमों को मजबूत करने का प्रावधान है।
इसमें विज्ञापन संहिता और कार्यक्रम संहिता उल्लंघनों पर सरकार को सलाह देने के लिए एक प्रसारण सलाहकार परिषद गठित करने का भी प्रावधान किया गया है। परिषद का नेतृत्व एक क्षेत्र विशेषज्ञ करेगा और इसमें सदस्य के रूप में प्रतिष्ठित व्यक्ति और नौकरशाह होंगे। परिषद, अंतर-विभागीय समिति का स्थान लेगी, जिसमें मुख्य रूप से नौकरशाह शामिल हैं।
मसौदा विधेयक स्व-नियामक संस्थाओं को मानदंडों और आलेखों या कार्यक्रम और विज्ञापन संहिता के उल्लंघन के लिए आर्थिक एवं गैर-आर्थिक दंड के माध्यम से अपने सदस्यों को दंडित करने के लिए सशक्त बनाने का भी प्रयास करता है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उभरती प्रौद्योगिकियों और सेवाओं के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए, विधेयक समकालीन प्रसारण शर्तों को परिभाषित करता है तथा उभरती प्रसारण प्रौद्योगिकियों के प्रावधानों को शामिल करता है।