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कोरोना की तीसरी लहर से निपटने को तैयार योगी सरकार, गांवों के लिए बनाया ये खास प्लान

By भाषा | Updated: May 16, 2021 17:41 IST

योगी आदित्यनाथ ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद आशंका व्यक्त की जा रही है कि इस महामारी की तीसरी लहर आनी है।

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ठळक मुद्देआदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश कोरोना वायरस की सर्वाधिक जांच करने वाला राज्य बन गया है।जहां प्रतिदिन औसतन 2.5 लाख नमूनों की जांच की जा रही है।मुख्यमंत्री के मुताबिक, प्रदेश में अब तक तीन करोड़ लोगों को कोविड रोधी टीका मुफ्त लगाया जा चुका है।

गौतमबुद्धनगर पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में कमी आई है और सरकार ने इस महामारी की तीसरी लहर से निपटने के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ‘ब्लैक फंगस’ को लेकर काफी गंभीर है तथा इसके उपचार के लिए एक विशेष योजना बनाई गई है।

उन्होंने कहा कि बच्चों तथा महिलाओं को इस संक्रमण से ज्यादा खतरा बताया जा रहा और इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के सभी जिलों में महिलाओं तथा बच्चों के लिए समर्पित अस्पताल तैयार किये जा रहे हैं और 102 नम्बर की 2200 एम्बुलेंस को महिलाओं तथा बच्चों के उपचार के लिए समर्पित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘ब्लैक फंगस’ संक्रमण को लेकर प्रदेश सरकार ने जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है और इसके उपचार की पूरी तैयारी की गई है।

उन्होंने बताया कि लोगों को बताया जा रहा है कि यह बीमारी ज्यादा स्टेरॉयड लेने से तथा मधुमेह का स्तर ज्यादा होने से होती है। आदित्यनाथ ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की सूचना के बाद जांच प्रक्रिया तेज की गई है और गांव गांव में कोविड-19 जांच शिविर लगाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि घर में पृथक होकर उपचार करा रहे लोगों को चिकित्सा किट उपलब्ध कराई जा रही है तथा उनसे लगातार संपर्क करके उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली जा रही है।

आदित्यनाथ ने कहा कि गौतमबुद्ध नगर में ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाले तीन संयंत्र लगाए जा रहे हैं, जिससे भविष्य में गौतमबुद्ध नगर ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण मुक्त होने की दर लगातार बढ़ रही है तथा संक्रमण दर में निरंतर गिरावट दर्ज हो रही है जो अप्रैल में 16.33 प्रतिशत से घटकर अब 4.8 फीसदी पर आ गई है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1,080 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है तथा सभी जिलों में 72 घंटे से अधिक की रिजर्व ऑक्सीजन उपलब्ध है।मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि ऑक्सीजन के सुचारू परिवहन के लिए क्रायोजेनिक टैंकर की व्यवस्था के लिए वैश्विक टेंडर जारी किया गया है।उन्होंने कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में रहने वाले गरीब लोगों को तीन माह तक हर महीने प्रत्येक सदस्य तीन किलोग्राम गेहूं तथा दो किलोग्राम चावल निशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र में दैनिक रूप से कार्य कर अपना जीविकोपार्जन करने वाले ठेला, खोमचा, रेहड़ी, खोखा, आदि लगाने वाले पटरी दुकानदारों, दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा चालक, पल्लेदार, नाविक, नाई, धोबी, मोची, हलवाई आदि को प्रतिमाह 1,000 रुपये का भरण-पोषण भत्ता प्रदान किया जा रहा है।

टॅग्स :कोरोना वायरसकोरोना वायरस इंडियाउत्तर प्रदेश में कोरोना
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