Google Doodle: गूगल आज कर रहा है ओटो विक्टर्ले को याद, कॉन्टैक्स लेंस का किया था अविष्कार, जानिए इनके बारे में
By विनीत कुमार | Published: October 27, 2021 08:41 AM2021-10-27T08:41:39+5:302021-10-27T08:46:43+5:30
Google Doodle: ओटो विक्टर्ले का आज 108वां जन्मदिन है। विक्टर्ले को आधुनिक कॉन्टैक्ट लेंस के अविष्कारक के तौर पर जाना जाता है।
Google Doodle: सर्च इंजन गूगल आज अपने खास डूडल के जरिए चेक गणराज्य के केमिस्ट ओटो विक्टर्ले (Otto Wichterle) को उनके 108वें जन्मदिन पर याद कर रहा है। ओटो विक्टर्ले को आधुनिक सॉफ्ट कॉन्टैक्ट लेंस का अविष्कारक माना जाता है। ये लेंस आज दुनिया भर में 140 मिलियन लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
गूगल के आज के बेहद खास डूडल में ओटो विक्टर्ले अपनी उंगलियों में कॉन्टैक्ट लेंस का एक टुकड़ा पकड़े हुए दिखाया गया है। विक्टर्ले का जन्म 1913 में चेक गणराज्य (तब, ऑस्ट्रिया-हंगरी) के प्रोस्टेजोव में हुआ था।
उन्होंने 1936 में प्राग इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (आईसीटी) से ऑर्गेनिक केमेस्ट्री में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की। इसके बाद 1950 के दशक में अपने कॉलेज में बतौर प्रोफेसर पढाते हुए आंखों के प्रत्यर्पण के लिए मददगार पारदर्शी जेल विकसित किया।
इस बीच राजनीतिक उथल-पुथल की वजह से विक्टर्ले को आईसीटी से बाहर कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने घर पर अपने बनाए हाइड्रोजेल पर प्रयोग जारी रखा।
Otto Wichterle: 1961 में पहला सॉफ्ट कॉन्टैक्ट लेंस किया तैयार
खुद चश्मा पहनने वाले विक्टर्ले ने 1961 में पहला सॉफ्ट कॉन्टैक्ट लेंस तैयार किया। विक्टर्ले भले ही कॉन्टैक्ट लेंस के आविष्कारक के रूप में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हैं पर उनका योगदान इससे कहीं अधिक है।
उनके अविष्कारों की बदौलत अत्याधुनिक चिकित्सा प्रौद्योगिकियों ने भी कदम रखा। उन्होंने 'स्मार्ट' बायोमैटिरियल्स तैयार किया जिनका उपयोग मानव संयोजी ऊतकों (Human connecive tissues) को रखने के लिए किया जाता है।
ये ओटो विक्टर्ले की ही कोशिशों का नतीजा कि आज करोड़ों लोग बिना चश्मे के इस खूबसूरत दुनिया को देख रहे हैं। विक्टर्ले ने अपने शानदार काम के बाद 18 अगस्त 1998 को दुनिया को अलविदा कह दिया था।