दिल्ली एम्स के लिए रवाना हुए गोवा सीएम मनोहर पर्रिकर, मंत्रियों में बांटे गए पोर्टफोलियो
By आदित्य द्विवेदी | Published: September 15, 2018 11:58 AM2018-09-15T11:58:28+5:302018-09-15T13:18:17+5:30
Manohar Parrikar health: गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के स्वास्थ्य पर पीएम मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह नजर बनाए हुए हैं। फिलहाल वो मुख्यमंत्री बने रहेंगे लेकिन उनके पोर्टफोलियो मंत्रियों में बांट दिए गए हैं।
नई दिल्ली, 15 सितंबरः गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर शनिवार दोपहर 1 बजे दिल्ली एम्स में भर्ती होंगे। 6 सितंबर को अमेरिका में मेडकल जांच कराने के बाद वापस लौटे पर्रिकर को गुरुवार की शाम को गोवा के कैंडोलिम में भर्ती कराया गया था। वो पिछले कई महीनों से बीमार चल रहे हैं। गोवा के डिप्टी स्पीकर माइकल लोबो ने बताया कि पर्रिकर की सेहत पर पीएम मोदी और अमित शाह की नजर बनी हुई है। पर्रिकर के पोर्टफोलियो को अन्य मंत्रियों में बांट दिया गया है। फिलहाल वो मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
गोवा के मुख्यमंत्री की हालत को लेकर कांग्रेस नेताओं ने गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मुलाकात की थी। विपक्ष ने मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के अक्सर अनुपस्थित रहने तथा उनकी कैबिनेट के दो सहकर्मियों के अस्पताल में भर्ती होने के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित राज्य में प्रशासन और कई काम ठप पड़ने से राज्यपाल को हस्तेक्षेप करने की मांग की। मुख्य विपक्षी पार्टी ने कहा कि पर्रिकर को काम पर लौटने से पहले फिटनेस प्रमाणपत्र देना चाहिए। पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री को किस तरह की बीमारी है, उस बारे में पता नहीं चल पाया है। वहीं, दो अन्य मंत्री गंभीर बीमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती हैं।
Goa CM will reach AIIMS, Delhi at 1 pm today.Amit Shah&Modi ji are monitoring the situation in Goa. Portfolios that were with CM will be distributed among ministers so that administration runs smoothly.Parrikar ji will continue to serve as CM:Michael Lobo. Dy Speaker Goa assembly pic.twitter.com/EiBtrWyc6P
— ANI (@ANI) September 15, 2018
उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते लौटने के बाद से पर्रिकर ने किसी सरकारी बैठक में भाग नहीं लिया। मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने कहा था कि वह घर से ही फाइलें निपटा रहे हैं और गणेश चतुर्थी उत्सव समाप्त होने के बाद वह बैठकों और कार्यक्रमों में जाने लगेंगे। लेकिन इससे पहले ही उन्हें दोबारा अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है। ऐसे में विपक्ष को लगातार हमलावर होते देख प्रदेश में शीर्ष नेतृत्व को बदलने को लेकर बात चलने लगी है।