हिजाब विवाद: अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में हुआ जमकर प्रदर्शन, छात्राओं की मांग- ये हमारी आजादी है, इसे हमसे न छीना जाए
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 11, 2022 04:07 PM2022-02-11T16:07:30+5:302022-02-11T16:20:41+5:30
हिजाब को लेकर अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में हुए प्रदर्शन में अधिकांश छात्राओं ने हिजाब पहना हुआ था और इसे पहने जाने के समर्थन में नारेबाजी कर रही थीं।
अलीगढ़: हिजाब विवाद में कूद पड़ी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने इसके लिए भारी प्रदर्शन और नारेबाजी की और इसे मुस्लिम छात्राओं द्वारा पहने जाने को जायज बताया। शुक्रवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सैकड़ों छात्राओं ने शिक्षण संस्थाओं में हिजाब प्रतिबंध के खिलाफ अपना भारी विरोध दर्ज कराया।
प्रदर्शन में शामिल होने वाले अधिकांश छात्राओं ने इस मौके पर हिजाब पहना हुआ था और हिजाब पहने जाने के समर्थन में नारेबाजी कर रही थीं। छात्राएं हिजाब पहनने की आजादी की मांग कर रही थीं। वहीं छात्राओं के इस विरोध प्रदर्शन को देखते हुए जिला प्रशानसन की ओर से यूनिवर्सिटी कैंपस और उसके बाहर भी भारी पुलिस बल की तैनात की गई थी।
इस मौके पर प्रदर्शनकारी छात्राएं मांग कर रही थीं कि सरकार हिजाब को प्रतिबंध न करे। हिजाब पहनना या न पहनना व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मुद्दा है। इसलिए सरकार को हमारी बातें सुननी चाहिए क्योंकि इसे हम सालों से पहनते आ रहे हैं और किसी भी जोर या दबाव में हम इसे हरगिज नहीं उतारने वाले हैं।
इसके अलावा आक्रोशित छात्राएं हिजाब पहनने को लेकर संवैधानिक अधिकारों से जोड़ते हुए कह रही थीं कि यह हमारा संवैधानिक अधिकार है। कुछ लोग पहनावे को हिंदू-मुस्लिम मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन यह सिर्फ हमारा अधिकार है कि हम क्या पहने और क्या न पहने।
प्रदर्शन में शामिल हिजाब पहने एक छात्र ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि क्या वे इसके जरिये 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' को लागू कर रहे हैं? जिन लड़कों ने हिजाब पहने छात्रा को छेड़ा उन्हें तो सरकार ने आजाद छोड़ा हुआ है और अब वो हमारे हिजाब के पीछे पड़े हैं। ऐसे किसी को हिजाब पहनने के लिए दिन-दहाड़े छेड़ा जाएगा तो लड़कियां अपने घरों से बाहर निकलने में डरेंगी। इस मामले में सरकार के सख्त कदम उठाना चाहिए और उन लड़कों को दंडित करना चाहिए।
छात्राओं के प्रदर्शन के मामले में प्राक्टर प्रोफेसर एम वसीम अली ने बताया कि छात्रोंओं ने शांत तरीके से प्रोटेस्ट किया। यूनिवर्सिटी ने इसके लिए इजाजत नहीं दी थी लेकिन उसके बावजूद छात्राओं ने इसके लिए मार्च निकाला। यूनिवर्सिटी में पुलिस प्रशासन की मौजूदगी है और मामला पूरी तरह से नियंत्रण में है।