Video: PM मोदी को गुलाम नबी आजाद ने महेंद्र सिंह टिकैत का किस्सा सुनाया, बोले- प्रतिष्ठा का सवाल नहीं बनाकर कानूनों को वापस लें

By अनुराग आनंद | Updated: February 3, 2021 15:55 IST2021-02-03T15:47:58+5:302021-02-03T15:55:00+5:30

गुलाम नबी आजाद ने किसानों के इतिहास के किस्सों को सुनाकर पीएम नरेंद्र मोदी से तीनों नए कृषी बिल को वापस लेने की मांग की।

Ghulam Nabi Azad urges narendra Modi govt to repeal farm laws | Video: PM मोदी को गुलाम नबी आजाद ने महेंद्र सिंह टिकैत का किस्सा सुनाया, बोले- प्रतिष्ठा का सवाल नहीं बनाकर कानूनों को वापस लें

गुलाम नबी आजाद (फाइल फोटो)

Highlightsगुलाम नबी आजाद ने कहा कि वह सरकार से तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने का आग्रह करते हैं।गुलाम नबी आजाद ने कहा कि किसानों की ताकत देश की सबसे बड़ी ताकत है और उनसे लड़ाई कर हम जीत नहीं सकते हैं।

नयी दिल्ली: गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली के लाल किले में हुयी हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए किंतु ‘‘निर्दोष किसानों को निशाना’’ नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने किसान आंदोलन में शामिल होने वाले किसानों के मांग का समर्थन किया।

उन्होंने कहा कि सरकार को प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाए बिना नए कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए। आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वयं इन कानूनों को वापस लेने की घोषणा करनी चाहिए। उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में सदन में मौजूद थे। इसके साथ ही आजाद ने कहा कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा वापस किया जाना चाहिए और विधानसभा चुनाव कराए जाने चाहिए। गुलाम नबी आजाद ने किसानों के इतिहास के किस्सों को सुनाकर पीएम मोदी से कृष बिल वापस लेने की मांग की।

कांग्रेस ने सरकार से इन कानूनों को वापस लेने का आग्रह किया-

उन्होंने कहा कि राज्य की पूर्व की स्थिति में ही वहां विकास हो सकता है। आजाद ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुयी चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि वह सरकार से इन कानूनों को वापस लेने का आग्रह करते हैं।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान गुम हो गए लोगों का पता लगाने के लिए सरकार को एक समिति बनानी चाहिए। आजाद ने 26 जनवरी को हुयी हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि राष्ट्रीय ध्वज का अपमान बेहद निंदनीय है और पूरा विपक्ष उसकी निंदा करता है और क्योंकि यह लोकतंत्र के खिलाफ है।

राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, लेकिन सिर्फ दोषी पर हो कार्रवाई-

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने उस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। राज्यसभा में बुधवार को विपक्ष के नेता आजाद ने किसानों को देश की सबसे बड़ी ताकत करार देते हुए कहा कि किसान अंग्रेजों के जमाने से संघर्ष करते रहे हैं और हर बार उन्होंने शासन को झुकने के लिए मजबूर किया। आजाद ने कहा कि किसानों की ताकत देश की सबसे बड़ी ताकत है और उनसे लड़ाई कर हम किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकते।

गुलाम नबी आजाद ने शशि थरूर और कुछ पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने का जिक्र किया-

कांग्रेस सांसद शशि थरूर और कुछ पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने का जिक्र करते हुए आजाद ने कहा कि जो व्यक्ति देश का पूर्व विदेश राज्य मंत्री रह चुका हो तथा विश्व में देश का नेतृत्व कर चुका हो, जिसे लोगों ने लोकसभा के लिए चुना हो, वह व्यक्ति देशद्रोही कैसे हो सकता है। आजाद ने कहा कि अगर वे देशद्रोही हैं तो हम सब देशद्रोही हैं। उन्होंने राजद्रोह के मामले वापस लिए जाने की मांग की। 

(एजेंसी इनपुट)

Web Title: Ghulam Nabi Azad urges narendra Modi govt to repeal farm laws

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