महात्मा गांधी पर अभद्र टिप्पणी को लेकर यति नरसिंहानंद के खिलाफ मामला दर्ज, वीडियो वायरल होने के बाद यूपी पुलिस ने स्वतः संज्ञान लिया
By अनिल शर्मा | Published: July 16, 2022 09:03 AM2022-07-16T09:03:11+5:302022-07-16T09:42:38+5:30
इस साल की शुरुआत में हरिद्वार में एक धर्म संसद में अपने कथित नफरत भरे भाषणों के लिए यति नरसिम्हानंद सरस्वती को दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कई मामलों का सामना करना पड़ा था।
गाजियाबाद: यूपी पुलिस ने महात्मा गांधी के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में डासना देवी मंदिर के प्रधान पुजारी यति नरसिम्हानंद सरस्वती के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। राष्ट्रपिता को गालियां देने वाले विवादास्पद दक्षिणपंथी नेता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने स्वतः संज्ञान लिया है।
पुलिस ने कहा कि 13 जुलाई की रात उन्हें वीडियो मिला जिसमें कथित तौर पर नरसिम्हानंद को देखा गया। उन्होंने स्वत: संज्ञान लेते हुए, भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (2) (किसी भी पूजा स्थल या सभा में अपराध) के तहत 14 जुलाई को गाजियाबाद के मसूरी पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) इराज राजा ने कहा, “एफआईआर में गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी के लिए पुजारी का नाम है। वीडियो लगभग पांच से छह महीने पुराना लगता है और स्थान का पता नहीं चल पाया है, लेकिन हम इसे हरिद्वार का मानते हैं।''
मीडियो रिपोर्ट के मुताबिक, प्राथमिकी में कहा गया है कि पुजारी ने कथित तौर पर गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों और अपमानजनक टिप्पणियों का इस्तेमाल किया और उन्हें विभाजन के दौरान हिंदुओं की हत्याओं के लिए जिम्मेदार ठहराया। इसके अलावा राष्ट्र के पिता पर कथित तौर पर "अंग्रेजों और मुसलमानों का पक्ष लेने" का आरोप लगाया।
यति ने वीडियो के बारे में किसी भी जानकारी से इनकार किया और कहा कि यह "उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पुलिस की प्रथा है"। बकौल यति- “किसी न किसी बहाने मेरे खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की यह उनकी सामान्य प्रथा है। हो सकता है कि उन्होंने कोई पुराना वीडियो पकड़ लिया हो और दूसरी प्राथमिकी दर्ज कर ली हो। ये मेरे निजी विचार हैं। हिंदुओं की स्थिति के लिए गांधी और उनके अनुयायी जिम्मेदार हैं। मैं उन्हें राष्ट्रपिता नहीं मानता।”
गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में हरिद्वार में एक धर्म संसद में अपने कथित नफरत भरे भाषणों के लिए पुजारी को दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कई मामलों का सामना करना पड़ा था।