प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लाल किला के प्रचीर से एक दिन पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति की घोषणा के बाद सरकार इसके लिए प्रक्रिया अगले सप्ताह शुरू करने वाली है. जानकारी मिली है कि रक्षा मंत्रालय जल्द ही एक कार्यान्वयन समिति का गठन करेगा, जो सीडीएस के तौर-तरीकों और प्रभावी भूमिका को अंतिम रूप देगी.
सरकार में उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि मौजूदा सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ हो सकते हैं. एयर चीफ मार्शल और मौजूदा चीफ ऑफ स्टॉफ समिति (सीओएससी) अध्यक्ष बी. एस. धनोआ जो सीडीएस पद की दौड़ में आगे हैं, वह 30 सितंबर को रिटायर्ड हो जाएंगे.
सूत्रों का कहना है कि कार्यान्वयन समिति एक महीने के भीतर अपनी अनुशंसाओं को अंतिम रूप देकर सरकार को सौंपने में सक्षम नहीं है. इस लिहाज से जनरल रावत के इस पद पर बैठने की संभावना अधिक बढ़ गई है क्योंकि उनका कार्यकाल 31 दिसंबर को खत्म होगा और वह तीन सेना प्रमुखों में सबसे वरिष्ठ होंगे.
चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ सरकार के सैन्य सलाहकार की तरह होंगे और दीर्घकालिक योजनाओं, खरीद, प्रशिक्षण आदि के मामले में तीन प्रमुख सेनाओं के साथ समन्वय करेंगे. एक तरह से वह सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करेंगे और रक्षा मंत्री के साथ भी तालमेल रखेंगे.
कैबिनेट सचिव का दर्जा मिलेगा :
सूत्रों ने संभावना जताई है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को कैबिनेट सचिव का दर्जा मिलेगा. साथ ही वरीयता में वह तीनों सेनाओं के प्रमुखों से एक पद बड़े होंगे. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है, इसलिए पदक्रम में सीडीएस उनके कनिष्ठ होंगे.