गौरी लंकेश हत्या: प्रज्ञा से जुड़े और मालेगांव ब्लास्ट में 'वांटेड' आरोपी दे रहे थे बम बनाने की ट्रेनिंग, SIT की जांच में सामने आई बात
By रजनीश | Published: May 9, 2019 07:22 PM2019-05-09T19:22:10+5:302019-05-09T19:22:10+5:30
एनआईए की मोस्ट वांटेड लिस्ट में कालसांगरा और हाकले के अलावा पूर्व आरएसएस (RSS) कार्यकर्ता डांगे भी शामिल है। डांगे के खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस है। डांगे और कालसांगरा पर 10-10लाख का और हाकले पर 5लाख का इनाम है।
साल 2006 से 2008 बजे के बीच समझौता एक्सप्रेस, मक्का मस्जिद, अजमेर दरगाह और मालेगांव ब्लास्ट के चार आरोपी लापता है। ये चारों ही हिंदुत्व को बढ़ावा देने वाले प्रोग्राम अभिनव भारत के सदस्य हैं। यह संस्था 2011 से 2016 के बीच पूरे देश में एक सीक्रेट ट्रेनिंग कैंप में बम बनाने की ट्रेनिंग देती थी। इस बात का खुलासा पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की जांच में लगी कर्नाटक पुलिस ने किया। इससे जुड़ी सभी जानकारी एसआईटी के उस दस्तावेज में दर्ज हैं जो उसने बेंगलुरु की एक अदालत को सौंपे।
भोपाल से बीजेपी की उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर सहित 13 अन्य लोग 2008 मालेगांव धमाका केस के अरापी हैं। इसमें अभिनव भारत से जुड़े रामजी कालसांगरा और संदीप डांगे भी शामिल हैं। इन दोनों पर आरोप सिद्ध हो चुका है। ये दोनों लंबे समय से लापता हैं।
कर्नाटक एसआईटी ने कोर्ट में जो दस्तावेज सौंपे हैं उसके हिसाब से गौरी लंकेश मर्डर में गिरफ्तार सनातन संस्था से जुड़े तीन आदमी और चार गवाह जिन्होंने ट्रेनिंग कैंप में हिस्सा लिया था। उन्होंने बताया कि एक 'बाबाजी' और चार गुरु जी थे जहां बम बनाने की ट्रेनिंग दी गई थी।
बाबाजी की पहचान उनकी गिरफ्तारी के 11 साल बाद 2018 में हुई। इसकी पहचान गुजरात में छिप कर रह रहे सुरेश नायर के रूप में हुई जो अभिनव भारत का सदस्य और 2007 अजमेर दरगाह ब्लास्ट केस का आरोपी भी है।
सूत्रों के अनुसार, नायर की गिरफ्तारी से यह भी पता चला कि संस्था से जुड़े शिविरों में तीन अन्य बम एक्सपर्ट डांगे, कलसंगारा और अश्विन चौहान थे। ये सभी समझौता एक्सप्रेस और चार अन्य ब्लास्ट केस में अपराधी घोषित किए जा चुके हैं।
लंकेश मामले में गिरफ्तार किए गए एक पांचवें ट्रेनर की पहचान प्रताप हाजरा के रूप में हुई जो पश्चिम बंगाल के हिंदुत्व संगठन भवानी सेना से जुडा हुआ है। लंकेश मर्डर से जुड़े ग्रुप के एक सदस्य ने एसआईटी की जांच में खुलासा किया कि अभिनव भारत से जुड़े लोगों की बॉम्बिंग में 117 लोग मारे गए थे।
एनआईए की मोस्ट वांटेड लिस्ट में कालसांगरा और हाकले के अलावा पूर्व आरएसएस (RSS) कार्यकर्ता डांगे भी शामिल है। डांगे के खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस है। डांगे और कालसांगरा पर 10-10लाख का और हाकले पर 5लाख का इनाम है। नायर की गिरफ्तारी के बाद एनआईए सूत्रों का कहना है कि डांगे और कालसांगरा अभी भी भारत में छिपे हैं। उनको गिरफ्तार करने का प्रयास जारी है।
गौरी लंकेश मामले की जांच के दौरान गिरफ्तार महाराष्ट्रा से शिव सेना के पूर्व काउंसलर श्रीकांत पांगरकर (40), 2013 में नरेंद्र दाभोलकर मर्डर केस में शूटर का आरोपी शरद कलास्कर (26) और मैकेनिक वासुदेव सूर्यवंशी (29) जिस पर सनातन संस्था के लिए मोटरसाइकिल चोरी करने का आरोप है। इस संस्था पर 2015 से 2017 के बीच तर्कवादियों और खुली सोच रखने वालों की हत्या का आरोप है।
एसआईटी को सनातन संस्था से जुड़े 19 ऐसे ट्रेनिंग कैंप मिले जहां 2011 से 2017 के बीच फायरआर्म्स, विस्फोटक उपकरणों की ट्रेनिंग दी गई। ये ट्रेनिंग महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक के पांच कैंप में 5 आईईडी (IED) एक्सपर्ट द्वारा दी गई जो कि गेस्ट ट्रेनर थे।
संदिग्धों और गवाहों द्वारा दिए बयान के अनुसार बाबाजी जैसे कुछ ट्रेनर भिखारी और साधू के रूप में इधर-उधर चले गए। सूत्रों का कहना है कि प्रत्येक ट्रेनर अलग-अलग मामलों के एक्सपर्ट थे। किसी को पेट्रोल बम तो किसी को इलेक्ट्रिक सर्किट वाले पाइप बम में महारत हासिल थी। बाबाजी, सर्किट एक्सपर्ट सर, बंगाली और लंबू सर नाम से फेमस थे।
मामले से जुड़े दस्तावेजों के अनुसार सनातन संस्था की एक गुप्त यूनिट द्वारा भर्ती किए गए दर्जनों लोगों को कैंप में ट्रेनिंग दी गई। जहां इन्हें वामपंथी विचारक गोविंद पनसारे, कन्नड विद्वान एम एम कलबुर्गी और गौरी लंकेश की हत्या के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
लंकेश और अन्य हत्या के मामलों के संदिग्ध जिन्होंने आईईडी ट्रेनिंग कैंप में भाग लिया उनमें अमित देगवेकर, कलास्कर, पंगरकर, सूर्यवंशी, गनेश मिस्किन, अमित बड्डी और भरत कर्ने शामिल हैं। चार आदमी जो इस ग्रुप का हिस्सा थे वर्तमान में लंकेश केस के गवाह हैं।