युवाओं को बापू की अहिंसा की विचारधारा को अपनाना चाहिए- 'गांधी लीगेसी टूर' के समापन पर बोले गांधीजी के प्रपौत्र तुषार गांधी, नई पीढ़ी को दी यह सलाह

By अनुभा जैन | Published: January 14, 2023 05:27 PM2023-01-14T17:27:10+5:302023-01-14T17:36:34+5:30

'गांधी लीगेसी टूर' के दौरान गांधीजी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने कहा है कि गांधी जी का वंशज होना उनके लिए गर्व का विषय है, मगर उनमें और आम भारतीय में कोई फर्क नहीं है, क्योंकि पूरा भारत गांधीजी को राष्ट्रपिता मानता है तथा उन पर सबका अधिकार है। उन्होंने आगे कहा है कि युवा पीढ़ी को बापू की अहिंसा की विचारधारा को समझना और इसे अपनाना चाहिए।

Gandhiji great grandson Tushar Gandhi said conclusion Gandhi Legacy Tour gave this advice new generation | युवाओं को बापू की अहिंसा की विचारधारा को अपनाना चाहिए- 'गांधी लीगेसी टूर' के समापन पर बोले गांधीजी के प्रपौत्र तुषार गांधी, नई पीढ़ी को दी यह सलाह

युवाओं को बापू की अहिंसा की विचारधारा को अपनाना चाहिए- 'गांधी लीगेसी टूर' के समापन पर बोले गांधीजी के प्रपौत्र तुषार गांधी, नई पीढ़ी को दी यह सलाह

Highlights28 दिसंबर से शुरू हुए 'गांधी लीगेसी टूर' 12 जनवरी को नई दिल्ली में खत्म हो गया है। ऐसे में इस टूर के दौरान गांधीजी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने युवाओं को खास सीख दी है। उन्होंने कहा है कि युवाओं को बापू की अहिंसा की विचारधारा को अपनाना चाहिए।

जयपुर: "जब अंधेरा गहरा होता है तभी दिये का महत्त्व समझ में आता है, वर्तमान समय में एक राष्ट्र की परिकल्पना को बचाये रखने के लिए गांधी जी की विचारधारा और उनके सिद्धांतों को आत्मसात करना जरूरी है।" 

ये विचार महात्मा गांधी  के प्रपौत्र तुषार गांधी ने जयपुर स्थित महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस एन्ड सोशल साइंसेज के भ्रमण के दौरान पत्रकारों  के साथ बातचीत में व्यक्त किया है। आपको बता दें कि तुषार गांधी विदेशी गांधीवादी विचारकों के साथ 'गांधी लीगेसी टूर 2023' के तहत भ्रमण पर आए थे। 

'गांधी लीगेसी टूर' के बारे में बोले तुषार गांधी 

इस 19 सदस्यीय दल में भारत के अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका, फ़्रांस और इजरायल के प्रतिनिधि शामिल थे। 29 दिसंबर को महाराष्ट्र से प्रारम्भ हुई यह यात्रा गुजरात, राजस्थान होते हुए 12 जनवरी को नई दिल्ली में समाप्त हुई है। 

'गांधी लीगेसी टूर' यात्रा के बारे में बताते हुए तुषार गांधी ने कहा कि इस यात्रा की शुरुआत करीब 22-23 वर्ष पूर्व उनके पिता अरुण गांधी ने की थी। हर साल ये यात्रा देश की उन चुनिंदा जगहों और संस्थानों खास तौर पर ग्रामीण इलाकों में जाती है जहां गांधीजी का ग्रामोद्धार का सपना साकार होता नजर आता है।

तुषार गांधी ने सीएम गहलोत की सराहना, युवाओं को दी यह सलाह

तुषार गांधी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा महात्मा गांधी शांति एवं अहिंसा निदेशालय को एक विभाग के रूप में स्थापित करने के फैसले की भी सराहना की है। इस पर बोलते हुए उन्होंने कहा है कि गांधी जी का वंशज होना उनके लिए गर्व का विषय है, मगर उनमें और आम भारतीय में कोई फर्क नहीं है, क्योंकि पूरा भारत गांधीजी को राष्ट्रपिता मानता है तथा उन पर सबका अधिकार है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को बापू की अहिंसा की विचारधारा को समझना और अपनाना चाहिए। 

गांधी इंस्टीट्यूट द्वारा युवाओं को सिखाया जा रहा है गांधीवादी विचारधारा 

इस अवसर पर महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ़ गवर्नेंस एन्ड सोशल साइंसेज के निदेशक प्रोफ़ेसर बी. एम. शर्मा ने बताया कि इंस्टीयूट में महात्मा गांधी समितियों और कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों को गांधी दर्शन से सम्बंधित प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि युवाओं में गांधीवादी विचारधारा विकसित की जा सके। उन्होंने बताया कि जल्द ही संस्थान द्वारा गांधी दर्शन पर आधारित सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किये जायेंगे। 

करीब 100 करोड़ रुपए की लागत में बन रहा है गांधी म्यूजियम- प्रोफेसर शर्मा 

प्रोफेसर शर्मा ने पत्रकारों को इंस्टीट्यूट परिसर में बन रहे गांधी म्यूजियम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि करीब 100 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले म्यूजियम में गांधीजी की जीवन यात्रा को डिजिटल रूप से दर्शाया जायेगा। 

म्यूजियम में गांधी आश्रमों की प्रतिकृति भी प्रदर्शित की जाएगी। इस दौरान महात्मा गाँधी इंस्टीट्यूट ऑफ़ गवर्नेंस एन्ड सोशल साइंसेज के प्रोफ़ेसर डॉ. संजय लोढ़ा, एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ ज्योति अरुण एवं डॉ. सुमित्रनाथ झा भी उपस्थित थे।

Web Title: Gandhiji great grandson Tushar Gandhi said conclusion Gandhi Legacy Tour gave this advice new generation

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