जजों की नियुक्ति करने के लिए और विचार विमर्श की जरूरत: कॉलेजियम
By भाषा | Published: May 18, 2018 06:53 PM2018-05-18T18:53:31+5:302018-05-18T18:53:31+5:30
कॉलेजियम ने उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश के एम जोसेफ के नाम की सिफारिश दोहराने से पहले विभिन्न उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के नाम पर ‘‘और चर्चा’’ तथा ‘‘विस्तृत रूप से विचार करने’’ का समर्थन किया।
नई दिल्ली,18 मई: उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश के एम जोसेफ के नाम की सिफारिश दोहराने से पहले विभिन्न उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के नाम पर ‘‘और चर्चा’’ तथा ‘‘विस्तृत रूप से विचार करने’’ का समर्थन किया।
शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर कॉलेजियम की 16 मई की बैठक का प्रस्ताव आज अपलोड किया गया। इसमें कहा गया कि उन उच्च न्यायालयों के न्यायााधीशों को उच्चतम न्यायालय में लाने पर विचार करने की जरूरत है जिनका प्रतिनिधित्व नहीं है।
प्रस्ताव में कहा गया कि (16 मई को) कॉलेजियम की बैठक का सर्वसम्मति से नजरिया है कि उन उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों और न्यायाधीशों के नामों पर और चर्चा तथा विस्तृत रूप से विचार होना चाहिए जिनका उच्चतम न्यायालय में फिलहाल प्रतिनिधित्व नहीं है।
इसमें कहा गया कि इस नजरिये को ध्यान में रखते हुए बैठक स्थगित की जाती है और इसे जल्द से जल्द फिर से आयोजित किया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों ने 16 मई को कहा था कि प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों जे चेलामेश्वर, रंजन गोगोई, एम बी लोकूर और कुरियन जोसेफ के कॉलेजियम ने एक घंटे से अधिक समय तक विचार विमर्श किया। पांच दिन में यह दूसरी बैठक थी।
न्यायमूर्ति चेलामेश्वर का आज अंतिम कामकाजी दिन था क्योंकि वह 22 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं और शीर्ष अदालत की गर्मियों की छुट्टियां कल से शुरू हो रही हैं।
ग्यारह मई की पिछली बैठक में कालेजियम ने न्यायमूर्ति जोसेफ को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की अपनी सिफारिश दोहराने पर सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई थी।