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RTI संशोधन बिल पर बोले प्रकाश जावड़ेकर, सरकार को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन हम पूरी तरह प्रतिबद्ध

By भाषा | Updated: July 23, 2019 03:42 IST

RTI संशोधन बिल लोकसभा में पेश: विधेयक में कहा गया है कि मुख्य सूचना आयुक्त, सूचना आयुक्तों, राज्य मुख्य सूचना आयुक्त के वेतन, भत्ते और सेवा की शर्ते केंद्र सरकार द्वारा तय किए जाएंगे । फिलहाल जो कानून है इसके अनुसार अभी मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों का वेतन मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों के बराबर है।

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ठळक मुद्देकेंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने पारदर्शिता कानून के बारे में विपक्ष की चिंताओं को खारिज किया । लोकसभा ने सोमवार को सूचना का अधिकार संशोधन विधेयक (आरटीआई एक्ट) 2019 को मंजूरी दी ।

आरटीआई अधिनियम में संशोधन को लेकर कुछ वर्गो की आलोचना को निर्मूल करार देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार पारदर्शिता तथा विभिन्न सरकारी विभागों से जुड़ी सूचनाओं के निर्वाध प्रवाह को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है । सूचना एवं प्रसारण मंत्री जावड़ेकर ने ट्वीट किया, ‘‘एक वर्ग की ओर से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण ढंग से सरकार को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है । उनकी इस आलोचना में कोई दम नहीं है कि आरटीआई कानून में संशोधन से सूचना आयोग की स्वायत्तता प्रभावित होगी । ’’ उन्होंने कहा कि इससे सूचना आयोग की स्वायत्तता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा ।

उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार सूचनाओं के वास्तविक एवं निर्बाध प्रवाह को मजबूत बनाने को प्रतिबद्ध है । इसलिये स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकारी विभागों से अधिकतम सूचना प्रदान करने को प्रोत्साहित किया जाता है । गौरतलब है कि लोकसभा ने सोमवार को सूचना का अधिकार संशोधन विधेयक (आरटीआई एक्ट) 2019 को मंजूरी दी ।

केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने पारदर्शिता कानून के बारे में विपक्ष की चिंताओं को खारिज किया । उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पारदर्शिता, जन भागीदारी, सरलीकरण, न्यूनतम सरकार-अधिकतम सुशासन को लेकर प्रतिबद्ध है । मंत्री के जवाब के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएमआईएम) के असदुद्दीन ओवैसी ने विधेयक पर विचार किये जाने और इसे पारित किये जाने का विरोध किया और मतविभाजन की मांग की। सदन ने इसे 79 के मुकाबले 218 मतों से अस्वीकार कर दिया।

विधेयक में कहा गया है कि मुख्य सूचना आयुक्त, सूचना आयुक्तों, राज्य मुख्य सूचना आयुक्त के वेतन, भत्ते और सेवा की शर्ते केंद्र सरकार द्वारा तय किए जाएंगे । फिलहाल जो कानून है इसके अनुसार अभी मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों का वेतन मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों के बराबर है। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने सरकार पर सूचना का अधिकार संशोधन विधेयक लाकर इस महत्वपूर्ण कानून को कमजोर करने का आरोप लगाया है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार इस संशोधन के माध्यम से राज्यों में भी सूचना आयुक्तों की नियुक्तियों के नियम, शर्तें तय करेगी जो संघीय व्यवस्था तथा संसदीय लोकतंत्र के खिलाफ है।

टॅग्स :मोदी सरकारप्रकाश जावड़ेकर
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