महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पहुंचे उच्चतम न्यायालय, जानें क्या है मामला
By सतीश कुमार सिंह | Updated: April 6, 2021 17:04 IST2021-04-06T16:20:08+5:302021-04-06T17:04:24+5:30
उच्च न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परमबीर सिंह द्वारा उनपर लगाए गए आरोपों की प्रारंभिक जांच 15 दिन के भीतर करने के निर्देश दिए।

देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच का अनुरोध करते हुए आपराधिक पीआईएल दाखिल की थी।
नई दिल्लीः महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में सीबीआई जांच के निर्देश वाले उच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया।
अनिल देशमुख के वकीलों ने यह जानकारी दी। महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख भी खुदपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच संबंधी उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय पहुंचे।
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार एवं कदाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच सीबीआई से कराने के बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ मंगलवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया।
महाराष्ट्र के स्थायी अधिवक्ता सचिन पाटिल ने कहा, “हमने बंबई उच्च न्यायालय के कल के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से एक याचिका दायर की है।” सोमवार के उच्च न्यायालय के आदेश के बाद, विदर्भ के अनुभवी नेता, देशमुख ने राज्य सरकार से इस्तीफा दे दिया था।
उच्च न्यायालय ने कहा कि यह “असाधारण” और “अभूतपूर्व” मामला है जिसमें स्वतंत्र जांच की जरूरत है। परम बीर सिंह ने 25 मार्च को दाखिल अपनी याचिका में देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की थी। उन्होंने दावा किया था कि देशमुख ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे समेत अन्य अधिकारियों से बार एवं रेस्तराओं से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था। देशमुख ने इन आरोपों से इनकार किया है।
महाराष्ट्र सरकार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई से प्रारंभिक जांच कराने के बंबई उच्च न्यायालय के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी। राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
देशमुख ने सोमवार को महाराष्ट्र के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था जब उच्च न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परमबीर सिंह द्वारा उनपर लगाए गए आरोपों की प्रारंभिक जांच 15 दिन के भीतर करने के निर्देश दिए। बाद में, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इस अहम विभाग की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री एवं राकांपा नेता वलसे पाटिल को सौंप दी।