विदेश सेवा संस्थान का नाम सुषमा स्वराज के नाम पर नहीं, जवाहरलाल नेहरू के नाम पर रखा जाएः कर्ण सिंह
By भाषा | Published: February 14, 2020 08:51 PM2020-02-14T20:51:44+5:302020-02-14T20:51:44+5:30
जम्मू-कश्मीर के पूर्व ‘सद्र-ए-रियासत’ कर्ण सिंह ने एक बयान में कहा कि संस्थान का नाम बदलना उपयुक्त नहीं है और अगर बदलना है तो इसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम पर रखा जाए क्योंकि उन्होंने आधुनिक भारतीय विदेश सेवा की बुनियाद रखी थी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने विदेश सेवा संस्थान का नाम पूर्व विदेश मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज के नाम पर रखे जाने के प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है।
उन्होंने सरकार से इस विषय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व ‘सद्र-ए-रियासत’ ने एक बयान में कहा कि संस्थान का नाम बदलना उपयुक्त नहीं है और अगर बदलना है तो इसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम पर रखा जाए क्योंकि उन्होंने आधुनिक भारतीय विदेश सेवा की बुनियाद रखी थी।
उन्होंने कहा कि वह सुषमा का बहुत सम्मान करते हैं और उनके साथ वर्षों तक काम किया जब वह विदेश मामले की संसदीय समिति की अध्यक्ष थीं। दरअसल, सरकार ने दुनियाभर में फैले भारतीय समुदाय से सम्पर्क के प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र ‘प्रवासी भारतीय केंद्र’ का नामकरण ‘सुषमा स्वराज भवन’ और विदेश सेवा संस्थान का नाम बदलकर सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस करने का फैसला किया है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार यह निर्णय पूर्व विदेश मंत्री के सम्मान स्वरूप लिया गया है जो दुनियाभर में फैले भारतीय समुदाय से सम्पर्क और उनके प्रति करूणा के लिये जानी जाती थी । ये दोनों संस्थान राष्ट्रीय राजधानी में स्थित हैं।