शांति और सद्भाव के लिए गुरु तेग बहादुर की शिक्षाओं का अनुसरण किया जाए: अमरिंदर सिंह

By भाषा | Published: September 3, 2021 09:07 PM2021-09-03T21:07:09+5:302021-09-03T21:07:09+5:30

Follow the teachings of Guru Tegh Bahadur for peace and harmony: Amarinder Singh | शांति और सद्भाव के लिए गुरु तेग बहादुर की शिक्षाओं का अनुसरण किया जाए: अमरिंदर सिंह

शांति और सद्भाव के लिए गुरु तेग बहादुर की शिक्षाओं का अनुसरण किया जाए: अमरिंदर सिंह

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को दुनिया में शांति और सद्भाव के लिए गुरु तेग बहादुर की शिक्षाओं का अनुसरण करने की जरूरत को रेखांकित करते हुए अफगानिस्तान और चीन जैसे देशों में ‘धार्मिक असहिष्णुता" का उदाहरण दिया।सिखों के नौवें गुरु के 400वें 'प्रकाश पर्व' (जयंती) के मौके में शुक्रवार को राज्य विधानसभा के विशेष सत्र का आयोजन किया गया था। सिंह ने कहा कि अगर लोग गुरु तेग बहादुर की शिक्षाओं और विचारधारा का पालन करते तो आज एक अलग ही दुनिया होती। मुख्यमंत्री ने सदन में अपने संबोधन में कहा, “उनका मूल संदेश धार्मिक सहिष्णुता का था और इसके लिए उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान दे दिया।” सिंह ने कहा, “यह संदेश पंजाब तक सीमित नहीं है। यह पूरे देश और पूरे विश्व के लिए है।” उन्होंने कहा, “हमारे उत्तर की ओर देखो, चीन उइगरों को तबाह कर रहा है, क्योंकि वे मुसलमान हैं।”सिंह ने अफगानिस्तान में तालिबान का हवाला देते हुए कहा, “ उनके बगल में अफगानिस्तान है, वहां आपके पास एक उभरती हुई शक्ति है जो किसी भी रूप में धार्मिक सहिष्णुता को स्वीकार नहीं करती है।”मुख्यमंत्री ने कहा, “अफ्रीका जाएं और आप वहां देशों को देखों या पश्चिम एशिया जाएं और आप ऐसे राष्ट्र देखेंगे जहां आज प्रेम, समझ और सहिष्णुता के ये सभी संदेश मौजूद नहीं हैं।”उन्होंने कहा कि इतिहास गुरु तेग बहादुर को 'हिंद की चादर' के रूप में बड़े गर्व से याद करता है, जिन्होंने जबरन धर्मांतरण और धार्मिक स्वतंत्रता की सुरक्षा का विरोध करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया।सिंह ने कहा, “मैंने आज यही पूछा। क्या दुनिया इसका (गुरु के संदेश का) अनुसरण कर रही है?” मुख्यमंत्री ने कहा, “दुनिया में ऐसे स्थान हैं जहां असहिष्णुता आम है। लोगों को मारा जा रहा है, क्योंकि वे दूसरे धर्म के हैं और यह अस्वीकार्य है।”उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा बहुलतावादी देश है जहां दुनिया के हर धर्म के लोग रहते हैं जो इसकी विशिष्टता है और इसे एक बहुलतावादी देश बने रहना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अवधारणा भारत को उसकी समृद्धि और सांस्कृतिक विविधता प्रदान करती है। पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने गुरु तेग बहादुर साहिब की शहादत को भारत के आध्यात्मिक, धार्मिक और राजनीतिक इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण मोड़ों में से एक बताया। भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहड़ ने अपने संबोधन में सिख जीवन शैली में 'अरदास' (प्रार्थना) के महत्व पर जोर दिया।इस मौके पर, विधानसभा अध्यक्ष ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा द्वारा भेजे गए संदेशों को पढ़ा।नायडू और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने ने इसमें शिरकत करने में असमर्थता व्यक्त की।

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