चारा घोटाला: लालू प्रसाद यादव को बेहतर इलाज के लिए नहीं भेजा जाएगा AIIMS दिल्ली, रिम्स रांची में ही चलेगा इलाज
By एस पी सिन्हा | Published: February 28, 2020 01:34 AM2020-02-28T01:34:28+5:302020-02-28T01:34:28+5:30
रिम्स में ही उनका इलाज जारी रहेगा. चारा घोटाला मामले में रांची में सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव को बेहतर ईलाज के लिए एम्स रेफर करने की बात चल रही थी.
चारा घोटाले के चार मामलों के सजायाफ्ता राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ईलाज के लिए अभी एम्स, दिल्ली नहीं भेजे जाएंगे. रिम्स की मेडिकल बोर्ड ने 12 गंभीर बीमारियों से पीड़ित लालू प्रसाद यादव की मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद यह फैसला लिया है. लालू की किडनी की गंभीर बीमारी के बाबत एक्सपर्ट नेफ्रालॉजिस्ट से मदद ली जाएगी. रिम्स में ही उनका इलाज जारी रहेगा. चारा घोटाला मामले में रांची में सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव को बेहतर ईलाज के लिए एम्स रेफर करने की बात चल रही थी.
बताया जाता है कि मेडिकल बोर्ड ने रिम्स में हो रहे इलाज पर संतोष जताया है. हालांकि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू क्रोनिक किडनी स्टेज थ्री बीमारी से जूझ रहे हैं. ऐसे में उनकी किडनी की बीमारी के बेहतर इलाज के लिए विशेषज्ञ नेफ्रालॉजिस्ट की मदद ली जाएगी. अगर विशेषज्ञ नेफ्रालॉजिस्ट लालू की बीमारी को लेकर अपने सेकेंड ओपिनियन में उन्हें एम्स या किसी और अस्पताल में भेजने की संस्तुति करता है, तो रिम्स प्रबंधन उस पर विचार करेगा.
रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विवेक कश्यप ने बताया कि मेडिकल बोर्ड ने लालू की रिपोर्ट का गहन अध्ययन किया. ट्रीटमेंट, प्रोटोकॉल देखने के बाद बोर्ड ने बताया कि उनका सही इलाज चल रहा है. बोर्ड ने किडनी स्टेज थ्री की बीमारी के लिए विशेषज्ञ नेफ्रालॉजिस्ट से सेकेंड ओपिनियन लेने की अनुशंसा की है. अगर नेफ्रालॉजिस्ट उन्हें बेहतर चिकित्सा के लिए बाहर भेजने की बात करता है, तो उस पर हम विचार करेंगे. विशेषज्ञ नेफ्रालॉजिस्ट बुलाने के बाबत डॉ. विवेक कश्यप ने कहा कि हम एम्स के पैटर्न पर चलते हैं, एम्स के डॉक्टर से ही परामर्श लेंगे. इससे पहले लालू के गिरते स्वास्थ्य को देखते हुए उनके चिकित्सक डॉ. उमेश प्रसाद ने बेहतर चिकित्सा के लिए एम्स भेजने की अनुशंसा की थी. हालांकि डॉक्टर ने बताया था कि लालू रिम्स में ही इलाज कराना चाहते हैं. वे एम्स, दिल्ली नहीं जाना चाहते.
इधर डॉ उमेश प्रसाद की मेडिकल बोर्ड की गठन की मांग के बाद रिम्स प्रबंधन ने आठ सदस्यीय टीम का गठन किया. मेडिकल बोर्ड टीम के सभी सदस्यों ने आज अधीक्षक कार्यालय स्थित सभागर में समीक्षा बैठक की. इस दौरान लालू प्रसाद यादव की सभी तरह की जांच रिपोर्ट देखने के बाद टीम ने फिलहाल यह फैसला लिया है. लालू का इलाज कर रहे डॉ उमेश प्रसाद की टीम मेडिकल बोर्ड की बैठक में लालू प्रसाद यादव के इलाज से संबंधित पूरी फाइलों के साथ उनके स्वास्थ्य की समीक्षा की. बोर्ड में मेडिसिन, सर्जरी, हड्डी, नेत्र, रेडियोलॉजी, कार्डियोलॉजी, यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी व मनोरोग विभाग के विभागाध्यक्ष शामिल हुए. बोर्ड ने लालू की मेडिकल हिस्ट्री देखने के बाद कहा कि उन्हें इलाज के लिए कहीं और भेजने की जरूरत नहीं है. रिम्स में उनका समुचित इलाज चल रहा है और इसे आगे भी जारी रखा जायेगा. ट्रीटमेंट, प्रोटोकॉल देखने के बाद बोर्ड ने बताया कि उनका सही इलाज चल रहा है. हालांकि आगे बोर्ड के कोई सदस्य जांच रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हुए तो वे लालू प्रसाद यादव की दोबारा जांच करेंगे. जिसके बाद ही उन्हें एम्स भेजने पर सहमती बन सकती है.
इधर, खबर है कि लालू प्रसाद यादव भी बेहतर इलाज के लिए एम्स नहीं जाना चाहते थे. वे चाहते थे कि उनका इलाज रिम्स में ही किया जाए. इस बात को लेकर उन्होंने डॉक्टरों से आग्रह किया था. दरअसल, पिछले दिनों डॉक्टरों ने लालू यादव की ब्लड सैंपल रिपोर्ट में सीरम क्रिएटिनिन और सीरम यूरिया बढा हुआ पाया था. इसके बाद उन्हें दिल्ली एम्स भेजने पर विचार करने के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था. रिम्स में उनका इलाज कर रहे डॉक्टर उमेश प्रसाद ने बताया कि लालू यादव ने उन्हें उनका इलाज जारी रखने का आग्रह किया है. वो एम्स नहीं जाना चाहते हैं. इस बात को उन्होंने दूसरे डॉक्टरों से भी जिक्र किया है.
यहां बता दें कि चारा घोटाला के कई मामलों में सजा पा चुके लालू प्रसाद यदव रांची स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में सजा काट रहे थे. इसी दौरान वह गंभीर रूप से बीमार पडे और उन्हें रिम्स में भर्ती कराया गया. उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें नई दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया. बाद में कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को जमानत दी तो उन्होंने मुंबई में भी इलाज कराया. फिलहाल वह रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं. वर्तमान में वह आरसी-68 ए/96 मामले में सजा काट रहे हैं और रिम्स में भर्ती हैं. जिन चार मामलों में उन्हें सजा हुई है, उसमें सीबीआइ कांड संख्या आरसी-20, 38, 64 व 68 ए/96 हैं. इन मामलों में उन्हें साढे तीन वर्ष से लेकर अधिकतम 14 साल तक की सजा हो चुकी है. पशुपालन घोटाला से जुड़ा सबसे बडा मामला कांड संख्या आरसी-47ए /96 है. यह मामला डोरंडा कोषागार से लगभग 139 करोड़ रुपये की अवैध तरीके से निकासी से जुड़ा है.