वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना संकट के आर्थिक राहत पैकेज में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए जारी किए 15000 करोड़, राज्यों को दिए 4113 करोड़
By स्वाति सिंह | Published: May 17, 2020 11:46 AM2020-05-17T11:46:39+5:302020-05-17T12:02:48+5:30
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसके अलावा देश के 20 करोड़ जन-धन खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए 500-500 रुपये भेजे गए। उज्ज्वला योजना के तहत 6.81 करोड़ रसोई गैस धारकों को मुफ्त सिलेंडर दिया गया।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट के मद्देनजर विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की है, उसे लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। उन्होंने कहा कि देश के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए माननीय प्रधानमंत्री ने 15000 करोड़ की योजना की घोषणा की थी जिसमें से 4113 करोड़ राज्यों को दे दिया गया है। आवश्क वस्तुओं पर 3750 करोड़ खर्च किया गया। टेस्टिंग लैब्स और किट्स पर 505 करोड़ खर्च किया गया।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि 12 नए चैनलों ई-क्लास होंगी।उन्होंने कहा कि जरूरतमंद छात्र जिनपर इंटरनेट नहीं है वे स्वंय प्रभा डीटीएच सेवा से पढ़ सकते हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसके अलावा देश के 20 करोड़ जन-धन खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए 500-500 रुपये भेजे गए। उज्ज्वला योजना के तहत 6.81 करोड़ रसोई गैस धारकों को मुफ्त सिलेंडर दिया गया। इसके अलावा 2.20 करोड़ निर्माण मजदूरों को सीधे उनके खाते में पैसा दिया गया।
उन्होंने कहा कि इस पैकेज में लैंड, लेबर, लॉ, लिक्विडिटी पर जोर दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर कैश का किया गया। इसके तहत 8.19 करोड किसानों के खाते में 2-2 हजार रुपये दिए गए हैं।
वहीं, अनुराग ठाकुर ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए श्रमिक ट्रेनें चलाई गई हैं। जिस राज्य ने जितनी ट्रेन मांगी उतनी दी गईं। इसका 85 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार ने उठाया। ठाकुर ने बताया कि 8.19 करोड़ किसानों के खाते में रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। इसमें 16 हजार 394 रुपये खर्च हुए।
जानें आर्थिक पैकेज के चौथे चरण में क्या-क्या ऐलान हुआ?
रक्षा उत्पादन क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ को प्रोत्साहन के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कई उपायों की घोषणा की। उन्होंने रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का ऐलान किया। वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ हथियारों और मंचों के आयात पर प्रतिबंध रहेगा।
आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त जारी करते हुए सीतारमण ने कहा कि आयात के लिए प्रतिबंधित उत्पादों की खरीद सिर्फ देश के भीतर की जा सकेगी। सीतारमण ने कहा कि अभी आयात हो रहे कुछ कलपुर्जों का घरेलू उत्पादन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे रक्षा आयात खर्च में कमी लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि बेहतर प्रबंधन के लिए आयुध कारखाना बोर्ड को कंपनी बनाया जाएगा। बाद में इसे शेयर बाजारों में सूचीबद्ध किया जाएगा। सीतारमण ने साथ ही यह स्पष्ट किया कि आयुध कारखाना बोर्ड को कंपनी बनाने का यह मलब नहीं है कि उसका निजीकरण किया जाएगा।