जल-प्रलय में इस साल 993 लोगों ने गंवाई जान, केरल ही नहीं देश के 70 लाख लोग हुए प्रभावित
By पल्लवी कुमारी | Published: August 27, 2018 08:41 AM2018-08-27T08:41:59+5:302018-08-27T08:41:59+5:30
केरल में 1924 के बाद की सबसे भयावह बाढ़ आई है। इसमें 400 से अधिक लोगों की मौत हुई है और 15 लाख लोगों को घर बार छोड़ राहत शिविरों में रहना पड़ रहा है।
नई दिल्ली, 27 अगस्त: केरल में पिछले 100 सालों की सबसे भीषण बाढ़ में अब तक मरने वालों की संख्या तकरीबन 400 हो चुकी है। अभी वहां राहत कार्य जारी है लेकिन केरल सहित देश के पांच राज्यों में इस साल के मॉनसून के दौरान आई बाढ़ और बारिश से अतबतक 993 लोगों की मौत हो गई है। इसी के साथ तकरीबन 17 लाख लोग बेघर हो गए हैं।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक बारिश और बाढ़ की वजह से 22 अगस्त 2018 तक कुल 993 लोगों की मौत हुई हैं। जिनमें सिर्फ केरल से ही तकरीबन 400 लोगों को बाढ़ के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। गृह मंत्रालय के जारी आंकड़ों के मुताबिक 2018 में बाढ़ के कारण करीब 70 लाख लोग प्रभावित हुए। 17 लाख लोग कैंप में रहने को मजबूर हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक केरल के अलावा उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम और कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में बाढ़ के कारण सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। 22 अगस्त 2018 तक केरल में कुल 387 लोगों की मौत की रिपोर्ट्स सामने आई थी और अब वर्तमान स्थितियों में मौत का आंकड़ा 400 से अधिक होने की बात कही जा रही है।
गृह मंत्रालय के मुताबिक ये है आंकड़े
राज्य | प्रभावित जिलें | मरने वालों की संख्या | कैंप में रहने वाले | कितनी जनसंख्या प्रभावित हुई | |
केरल | 14 | 387 | 14.5 लाख | 54,1 लाख | |
उत्तर प्रदेश | 16 | 204 | 10, 800 | 2.4 लाख | |
पश्चिम बंगाल | 23 | 195 | कोई नहीं | 2.3 लाख | |
असम | 23 | 46 | 2.4 लाख | 11.5 लाख | |
कर्नाटक | 11 | 161 | 5, 800 | 3.5 लाख |
(नोट- ये रिपोर्ट 22 अगस्त 2018 तक की है।)
बता दें कि गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले साल 2017 में 1200 से अधिक लोगों को बाढ़ और बारिश के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इनमें बिहार में सर्वाधिक 514 लोगों की मौत हुई थी। बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल में 261, महाराष्ट्र में 124, उत्तर प्रदेश में 121 और असम में 160 लोगों की मौत हुई थी। वहीं, साल 2016 में मध्य प्रदेश में 184 और बिहार में बिहार में 254 लोगों की मौतें हुई थी।
बता दें कि बाढ़ प्रभावित केरल में पर्यटकों की संख्या 4-5 प्रतिशत गिरने के आसार हैं। राज्य के पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि यदि अक्तूबर से पर्यटकों के आगमन की रफ्तार नहीं बढ़ी तो इस बार आगंतुकों की संख्या 4 से 5 प्रतिशत कम हो सकती है। पर्यटन क्षेत्र केरल की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख अंग है।
केरल में 1924 के बाद की सबसे भयावह बाढ़ आई है। इसमें 400 से अधिक लोगों की मौत हुई है और 15 लाख लोगों को घर बार छोड़ राहत शिविरों में रहना पड़ रहा है। कोच्चि हवाई अड्डा 16 अगस्त से बंद पड़ा है। 29 अगस्त से पहले इसके शुरू होने की उम्मीद नहीं है।
केयर रेटिंग रिपोर्ट के अनुसार कोच्चि और एर्नाकुलम क्षेत्र राज्य का राज्य के पर्यटन उद्योग में 52 प्रतिशत योगदान है। जबकि ये दोनों क्षेत्र करीब दो सप्ताह से जलमग्न हैं। केरल पर्यटन के निदेशक पी बाला किरण ने पीटीआई-भाषा से फोन पर कहा, "हमने पहली तिमाही में 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। हालांकि, दूसरी तिमाही में निपा वायरस के चलते पर्यटकों की संख्या में 14 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है।
(भाषा इनपुट)