FlashBack 2019: संसद ने नए कीर्तिमान गढ़े, पुरानी परिपाटियों को तोड़ा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 1, 2020 06:25 PM2020-01-01T18:25:46+5:302020-01-01T18:25:46+5:30

पिछले साल के मुकाबले दोनों सदनों की कार्यवाही भी कम बाधित हुई तथा जनहित से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर व्यापक चर्चा भी हुई। यही नहीं इस बार कई संसदीय परिपाटियां भी टूटीं।

FlashBack 2019: Parliament creates new records, breaks old conventions | FlashBack 2019: संसद ने नए कीर्तिमान गढ़े, पुरानी परिपाटियों को तोड़ा

गत वर्ष 17वीं लोकसभा के गठन के बाद कोटा से दो बार के सांसद ओम बिरला नए अध्यक्ष बने

Highlightsसंसद के दोनों सदनों ने विधायी कार्य के संदर्भ में 2019 में नए कीर्तिमान गढ़ेबीते साल संसद की उत्पादकता तकरीबन 100 फीसदी रही।

संसद के दोनों सदनों ने विधायी कार्य के संदर्भ में 2019 में नए कीर्तिमान गढ़े तथा नागरिकता कानून में संशोधन, अनुच्छेद 370 के प्रमुख प्रावधान हटाने तथा तीन तलाक को प्रतिबंधित करने से जुड़े कई महत्वपूर्ण विधेयकों को मंजूरी प्रदान की। बीते साल संसद की उत्पादकता तकरीबन 100 फीसदी रही।

इससे पिछले साल के मुकाबले दोनों सदनों की कार्यवाही भी कम बाधित हुई तथा जनहित से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर व्यापक चर्चा भी हुई। यही नहीं इस बार कई संसदीय परिपाटियां भी टूटीं। गत वर्ष 17वीं लोकसभा के गठन के बाद कोटा से दो बार के सांसद ओम बिरला नए अध्यक्ष बने जिनका संसदीय अनुभव पूर्व लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन के संसदीय अनुभव के मुकाबले काफी कम है।

सुमित्रा आठ बार सांसद निर्वाचित होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष पद पर आसीन हुई थीं। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि संसद के ऊपरी सदन ने 2019 की कुल 65 बैठकों में 52 विधेयक पारित किए। इसका मतलब है कि हर पांच दिनों में औसतन चार विधेयक पारित किए गए। यह पिछले 36 वर्षों का सर्वश्रेष्ठ विधायी कार्य हैं।

लोकसभा के पहले दो सत्रों में गत वर्ष करीब 50 विधेयक पारित किए गए। दोनों सत्रों में लोकसभा अध्यक्ष ने नए सदस्यों को बोलने का पूरा मौका दिया तथा लंबे समय तक शून्यकाल चलाया जिससे कई सदस्यों को अपने मुद्दे उठाने का अवसर मिला। बिरला ने यह सुनिश्चित भी किया कि जरूरत पड़ने पर सदन की कार्यवाही देर तक चली। कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने के लिए कार्यवाही मध्य रात्रि तक चली।

पिछले साल राज्यसभा का 250वां सत्र संपन्न हुआ। इसके साथ ही सदन में मार्शलों की ड्रेस बदलने का प्रयास किया गया। बाद में पुरानी ड्रेस को लागू कर दिया गया, हालांकि सिर पर साफा नहीं रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद की कार्यवाही की तारीफ करते हुए कहा कि पिछले 60 वर्षों के कीर्तिमान टूट गए। उन्होंने सांसदों और राजनीतिक दलों की भी इसके लिए तारीफ की।

राज्यसभा ने 1984 में 63 बैठकों में 80 विधेयक पारित किए। अधिकारियों का कहना है कि विधायी कार्यों के लिहाज से 2019 पिछले 36 वर्षों का सबसे बेहतरीन साल है। सभापति एम वेंकैया नायडू ने गत वर्ष राज्यसभा में मातृभाषा को बढ़ावा देने का प्रयास किया। पहली बार एक सदस्य (सरोजिनी हेम्ब्रम) ने संथाली भाषा में अपनी बात सदन में रखी।

Web Title: FlashBack 2019: Parliament creates new records, breaks old conventions

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