Flashback 2019: ट्रांसजेंडर के लिए मोदी सरकार ने लागू किया कानून, लेकिन इस वजह से करना पड़ा आलोचना का सामना

By भाषा | Published: December 30, 2019 05:15 PM2019-12-30T17:15:45+5:302019-12-30T17:15:45+5:30

Flashback 2019: दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग में सचिव शकुंतला गामलिन ने कहा कि इस सेक्टर में रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उनका पुनर्वास हमारी प्राथमिकता में है। 

Flashback 2019: narendra modi government implemented law for transgender | Flashback 2019: ट्रांसजेंडर के लिए मोदी सरकार ने लागू किया कानून, लेकिन इस वजह से करना पड़ा आलोचना का सामना

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Highlightsसामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा ट्रांसजेंडर समुदाय के कल्याण के लिए कानून लाना और दिव्यांगजनों के लिए योजनायें लागू करना 2019 की उपलब्धियां रहीं।वहीं, मैला ढोने वालों के लिए योजनाओं का अनुपालन ठीक तरह से न करने पर मंत्रालय को आलोचना का सामना करना पड़ा। 

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा ट्रांसजेंडर समुदाय के कल्याण के लिए कानून लाना और दिव्यांगजनों के लिए योजनायें लागू करना 2019 की उपलब्धियां रहीं जबकि मैला ढोने वालों के लिए योजनाओं का अनुपालन ठीक तरह से न करने पर मंत्रालय को आलोचना का सामना करना पड़ा। 

संसद की एक स्थायी समिति ने सुझाव दिया था कि मंत्रालय ने मैला ढोने वालों की मुक्ति और पुनर्वास की योजना का क्रियान्वयन गंभीरता से किया जाए। समिति ने विभिन्न योजनाओं के लिए आवंटित राशि का 2017-18 और 2018-19 के बीच पूरा उपयोग न करने के लिए दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के प्रति नाराजगी भी जताई। 

दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग में सचिव शकुंतला गामलिन ने कहा कि इस सेक्टर में रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उनका पुनर्वास हमारी प्राथमिकता में है। 

उन्होंने कहा, ‘‘चिकित्सा और पुनर्वास दोनों को साथ चलना होगा।’’ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार 2019 में दिव्यांगजनों के लिए पहले से चल रही कल्याणकारी योजनाओं के अलावा दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने रेल, वायु और सड़क सेक्टर (दिव्यांगजनों के लिए सुगमता) और सूचना एवं संचार तकनीक (वेबसाइट और टीवी) में सुगम्य भारत अभियान को बढ़ावा दिया। विभाग ने मनोवैज्ञानिक-सामाजिक, बौद्धिक और सीखने संबंधित अक्षमताओं पर भी ध्यान दिया। 

एक सूत्र ने बताया, ‘‘विभाग अपने सभी राष्ट्रीय संस्थानों और क्षेत्रीय केंद्रों में दिव्यांगजनों की सहायता के लिए ‘अर्ली इंटरवेंशन’ केंद्र स्थापित करेगा।’’ सूत्र ने कहा, ‘‘आने वाले सालों में हम क्रियान्वयन एजेंसियों द्वारा राज्यों में किए गए प्रयासों से दिव्यांग अधिकार कानून के पालन में सकारात्मक बदलाव देखेंगे।’’ 

अधिकारियों ने दावा किया कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों की सुरक्षा कानून (2019) का लागू होना मंत्रालय की इस साल की सबसे बड़ी उपलब्धि थी हालाँकि ट्रांसजेंडर समुदाय ने इसे भेदभावपूर्ण बताया है। लोकसभा ने संबंधित विधेयक को पांच अगस्त को और राज्यसभा ने 26 नवंबर को पारित किया था। राष्ट्रपति ने इसे पांच दिसंबर को स्वीकृति प्रदान की थी। 

मंत्रालय अधिकारियों को उम्मीद है कि नया कानून समावेशी सिद्ध होगा और ट्रांसजेंडर समुदाय को समाज के अच्छे सदस्य बनाने में मदद करेगा। मंत्रालय ने माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम (2007) में बहुप्रतीक्षित संशोधन विधेयक को भी लोकसभा में प्रस्तुत किया है। 

विधेयक के अनुसार माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों का जानबूझ कर अपमान करने और उनका परित्याग करने वालों को छह महीने जेल या दस हजार रुपये जुर्माना या दोनों हो सकता है। मंत्रालय की अन्य उपलब्धि में अल्कोहल और मादक पदार्थ निरोधक योजना के तहत 2014-15 के बीच 4,98,247 लोगों को सहायता देना भी शामिल है। 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2019 के दौरान मध्य प्रदेश के सीहोर में एक 25 एकड़ भूमि पर राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान की स्थापना को मंजूरी दी। संस्थान पुनर्वास और क्लिनिकल सेवाएं देता है और ‘केयर गिविंग’ पर कोर्स भी संचालित करता है। इस वर्ष मंत्रालय के डॉ आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र ने दलित दलित भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंडल (डीआईसीसीआई) के साथ जून में एक समझौते पर हस्ताक्षर किया। 

समझौते के तहत दलित उद्यमिता, कौशल विकास और अन्य विषयों में शोध के जरिये अनुसूचित जाति/जनजाति के सशक्तिकरण पर बल दिया जाएगा। मंत्रालय के लिए हतोत्साहित करने वाली बात यह रही कि संसद की स्थायी समिति ने मैला ढोने वालों के लिए स्वरोजगार की मुक्ति और पुनर्वास योजनाओं को गंभीरता से लागू करने को कहा। 

समिति ने कहा, ‘‘समिति को दुःख है कि शहरी इलाकों में मैला ढोने की प्रथा आज भी जीवित है और प्रायः हाथों से मैनहोल साफ करने वालों की मौत की खबर आती है।’’ समिति ने विभिन्न योजनाओं के लिए आवंटित राशि का 2017-18 और 2018-19 के दौरान पूरा उपयोग न होने के लिए भी विभाग की आलोचना की। 

समिति की अध्यक्ष और लोकसभा से भाजपा सदस्य रमा देवी ने कहा कि समिति यह दोहराती है कि विभाग को व्यावहारिक वित्तीय प्रबंधन व्यवस्था अपनाना चाहिए और आवश्यकता पड़ने पर विभिन्न एजेंसियों में सामंजस्य बिठाकर प्रस्तावों को शीघ्रता से आगे बढ़ाने के लिए प्रक्रिया में परिवर्तन करना चाहिए।

Web Title: Flashback 2019: narendra modi government implemented law for transgender

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