दिवाली पर दिल्ली की 'सेहत' खराब, प्रतिबंध के बावजूद जलाये गए पटाखे, धुएं के गुबार से ढंक गया आसमान
By भाषा | Updated: November 4, 2021 21:52 IST2021-11-04T20:56:34+5:302021-11-04T21:52:04+5:30
दिवाली के दिन पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद देश की राजधानी में खूब आतिशबाजी हुई। देर शाम तक शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 'गंभीर' श्रेणी की कगार पर पहुंच गया।

दिल्ली में बैन के बावजूद दिवाली पर हुई आतिशबाजी (फाइल फोटो)
नयी दिल्ली: दिवाली पर पटाखे जलाने पर सरकार द्वारा लगाये गये प्रतिबंध की अवहेलना की गई और गुरुवार को दिल्ली का आसमान धुएं के गुबार से ढंक गया, जिसके चलते शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक ''गंभीर'' श्रेणी की कगार पर पहुंच गया। दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों के लोगों ने गले में खराश और आंखों से पानी आने की शिकायतें कीं।
राष्ट्रीय राजधानी में एक जनवरी 2022 तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद दक्षिण दिल्ली के लाजपत नगर, उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी, पश्चिमी दिल्ली के पश्चिम विहार और पूर्वी दिल्ली के शाहदरा में शाम सात बजे से पटाखे जलाए जाने के मामले सामने आए। वहीं, गुरुग्राम और फरीदाबाद में उच्च-तीव्रता के पटाखे जलाये गए। हरियाणा सरकार ने भी दिल्ली से सटे क्षेत्रों समेत 14 जिलों में पटाखे की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था।
विशेषज्ञों ने पूर्वानुमान जताया कि मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों, पराली जलाने, पटाखे जलाये जाने और अन्य स्थानीय कारकों के चलते मध्यरात्रि तक दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ''गंभीर'' की श्रेणी के करीब पहुंच सकता है।
पराली जलाने से भी बढ़ा दिल्ली में प्रदूषण का स्तर
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोहरे के चलते सुबह के समय इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और सफदरजंग हवाई अड्डे पर 600-800 मीटर के दायरे में कम दृश्यता रही।
आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर के जेनामणि ने कहा कि शांत हवा की स्थिति के कारण दिनभर 800-900 मीटर के दायरे में दृश्यता प्रभावित रही। दिल्ली के प्रदूषण स्तर में बृहस्पतिवार को पराली जलाने का योगदान बढ़कर 25 प्रतिशत हो गया जो इस मौसम का अब तक का सर्वाधिक स्तर है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ के संस्थापक परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने कहा कि पिछले साल की तुलना में 50 प्रतिशत पटाखे जलाए जाने पर दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण का स्तर मध्यरात्रि तक ''गंभीर'' की श्रेणी में पहुंच सकता है।
उन्होंने कहा कि शुक्रवार सुबह तक पीएम 2.5 प्रदूषण के स्तर में तेज वृद्धि दर्ज की जा सकती है और एक्यूआई 500 के स्तर को पार कर सकता है।
पिछले तीन दिन में औसत एक्यूआई में तेजी से वृद्धि
वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, राजधानी का पिछले 24 घंटे का औसत एक्यूआई बृहस्पतिवार को 382 पर पहुंच गया, जो बुधवार को 314 था। मंगलवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 303 और सोमवार को 281 था।
शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ''अच्छा'', 51 और 100 के बीच ''संतोषजनक'', 101 और 200 के बीच ''मध्यम'', 201 और 300 के बीच ''खराब'', 301 और 400 के बीच ''बहुत खराब'', तथा 401 और 500 के बीच को ''गंभीर'' माना जाता है।
‘सफर’ के पूर्वानुमान के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली के प्रदूषण स्तर में पराली जलाने का योगदान बढ़कर 35 प्रतिशत और शनिवार को 40 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।
उत्तर-पश्चिम हवाएं पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के कारण उठने वाले धुएं को दिल्ली की तरफ ला सकती हैं।सफर के मुताबिक, सात नवंबर की शाम तक ही कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि, एक्यूआई ''बेहद खराब'' की श्रेणी में रहने की आशंका है।