नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को यस बैंक की पुनर्गठन योजना को मंजूरी दे दी। रिजर्व बैंक द्वारा प्रस्तावित इस योजना के तहत भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) यस बैंक की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मंत्रिमंडल ने रिजर्व बैंक द्वारा सुझायी गयी यस बैंक की पुनर्गठन योजना को मंजूरी दे दी है।
रिजर्व बैंक ने पांच मार्च को यस बैंक पर रोक लगायी थी। साथ ही ग्राहकों के लिए 50,000 रुपये तक निकासी सीमा तय की थी। यह रोक तीन अप्रैल तक के लिए लगायी गयी है। इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने एसबीआई के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया था। पुनर्गठन योजना की जानकारी देते हुए सीतारमण ने कहा कि एसबीआई यस बैंक में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगा। बाकी अन्य निवेशकों को भी आमंत्रित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हर निवेशक पर तीन साल तक शेयरों की खरीद-बिक्री पर रोक रहेगी। एसबीआई के मामले में वह अपनी हिस्सेदारी को तीन साल तक 26 प्रतिशत से कम नहीं कर सकेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि यस बैंक की अधिकृत पूंजी 1,100 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,200 करोड़ रुपये हो जाएगी। इस पुनर्गठन योजना को खाताधारकों के हितों की रक्षा को ध्यान में रखकर मंजूर किया गया है। यह यस बैंक और साथ-साथ पूरी वित्तीय प्रणाली को स्थिरता प्रदान करेगा।
पुनर्गठन योजना को अधिसूचित किए जाने के तीन दिन के भीतर यस बैंक पर लगी रोक को हटा लिया जाएगा। साथ ही इस अधिसूचना के सात दिन के भीतर निदेशक मंडल का गठन कर लिया जाएगा। बृहस्पतिवार को एसबीआई ने यस बैंक में 7,250 करोड़ रुपये निवेश करने की मंजूरी दी थी। यह उसकी शुरुआती 2,450 करोड़ रुपये निवेश की योजना से बहुत अधिक है।
आईसीआईसीआई बैंक यस बैंक में 1,000 करोड़ रुपये निवेश करेगा
आईसीआईसीआई बैंक ने शुक्रवार को कहा कि उसके निदेशक मंडल ने यस बैंक में 1,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दे दी। बैंक ने शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा, ‘‘इस निवेश से आईसीआईसीआई बैंक की यस बैंक में हिस्सेदारी पांच प्रतिशत से अधिक हो जायेगी।’’
सरकार ने 7,660 करोड़ रुपये की लागत से हरित राजमार्ग परियोजना को मंजूरी दी
सरकार ने शुक्रवार को 7,660 करोड़ रुपये की लागत से 780 किलोमीटर हरित राजमार्ग के निर्माण को मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मंत्रिमंडल ने 7,660 करोड़ रुपये की लागत से 780 किलोमीटर हरित राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के निर्माण को मंजूरी दे दी।’’ परियोजना पुनर्वास और विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग के उन्नयन से संबद्ध है। कुल 780 किलोमीटर की परियोजना हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश से जुड़ी है।