महिला अधिकारों की बुलंद आवाज रहीं कमला भसीन का निधन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 25, 2021 11:03 AM2021-09-25T11:03:35+5:302021-09-25T11:11:34+5:30

नारीवादी कार्यकर्ता, लेखक और देश में महिला अधिकारों की बुलंद आवाज रहीं 75 वर्षीय कमला भसीन का शनिवार सुबह निधन हो गया. 1970 के दशक से ही भसीन भारत और अन्य दक्षिण एशियाई देशों में महिलाओं के आंदोलन की मुखर आवाज रही थीं.

feminist-icon-kamla-bhasin-passes-away | महिला अधिकारों की बुलंद आवाज रहीं कमला भसीन का निधन

कमला भसीन. (फोटो: ट्विटर/@kavisriv)

Highlights75 वर्षीय कमला भसीन का शनिवार सुबह निधन हो गया.भसीन ने लैंगिक सिद्धांत, नारीवाद और पितृसत्ता पर कई किताबें भी लिखी हैं जिनका 30 से अधिक भाषाओं में ट्रांसलेशन हुआ है.

नई दिल्ली: नारीवादी कार्यकर्ता, लेखक और देश में महिला अधिकारों की बुलंद आवाज रहीं 75 वर्षीय कमला भसीन का शनिवार सुबह निधन हो गया. 1970 के दशक से ही भसीन भारत और अन्य दक्षिण एशियाई देशों में महिलाओं के आंदोलन की मुखर आवाज रही थीं.

साल 2002 में उन्होंने नारीवादी समूह संगत की स्थापना की थी जो कि ग्रामीण और आदिवासी समुदाय की वंचित महिलाओं के साथ अक्सर गैर-शैक्षणिक खेल, संगीत और कला जैसी गतिविधियों के माध्यम से काम करता है.

भसीन ने लैंगिक सिद्धांत, नारीवाद और पितृसत्ता पर कई किताबें भी लिखी हैं जिनका 30 से अधिक भाषाओं में ट्रांसलेशन हुआ है.

कार्यकर्ता कविता श्रीवास्तव ने उनके निधन की खबर देते हुए कहा कि हमारी प्यारी दोस्त कमला भसीन का 25 सितंबर, तड़के 3 बजे निधन हो गया. भारत और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में महिलाओं के आंदोलन के लिए यह एक बड़ा झटका है.

https://twitter.com/kavisriv/status/1441571645630541824

उनका जन्म पंजाब ( अब पाकिस्तान) के गुजरात जिला स्थित शाहिदानवाली गांव में साल 1946 में हुआ था.

उन्हें सबसे पहले पाकिस्तानी नारीवादियों द्वारा वहां के तानाशाह जिया उल हक के लिए इस्तेमाल हुए आजादी के नारे को भारत लाने के लिए भी जाना जाता है.

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