फारूक अब्दुल्ला ने श्रीनगर से नामांकन किया, पार्टी नेता बोले-गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनावों के लिए

By सुरेश डुग्गर | Published: March 26, 2019 06:01 AM2019-03-26T06:01:33+5:302019-03-26T06:01:33+5:30

श्रीनगर सीट पर अब्दुल्ला परिवार का दबदबा रहा है। फारूक के साथ ही उमर भी यहां से सांसद रह चुके हैं। यह सीट शुरू से ही नेशनल कांफ्रेंस का गढ़ रही है। 2009 तक हुए 11 चुनावों में नौ बार नेकां को जीत मिली है।

Farooq Abdullah Files Nomination Papers For Srinagar Lok Sabha Seat | फारूक अब्दुल्ला ने श्रीनगर से नामांकन किया, पार्टी नेता बोले-गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनावों के लिए

फारूक अब्दुल्ला ने श्रीनगर से नामांकन किया, पार्टी नेता बोले-गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनावों के लिए

जम्मू कश्मीर में श्रीनगर सीट से कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस गठबंधन के उम्मीदवार डा फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को नामांकन किया। इस दौरान उनके साथ उनके बेटे व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला मौजूद थे। इस बीच नेकां के नेताओं ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि कांग्रेस के साथ गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनावों के लिए है।

श्रीनगर सीट पर अब्दुल्ला परिवार का दबदबा रहा है। फारूक के साथ ही उमर भी यहां से सांसद रह चुके हैं। यह सीट शुरू से ही नेशनल कांफ्रेंस का गढ़ रही है। 2009 तक हुए 11 चुनावों में नौ बार नेकां को जीत मिली है। 2014 के चुनाव में पीडीपी के तारिक हमीद कर्रा को कामयाबी मिली। बाद में उन्होंने पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए।

इसके बाद हुए उपचुनाव में नेकां प्रमुख डा फारूक अब्दुल्ला को जीत मिली। कांग्रेस को एक बार जीत मिली है जबकि एक बार निर्दलीय प्रत्याशी भी संसद तक पहुंचने में सफल रहा है। इस सीट के तहत 15 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें कंगन, गांदरबल, हजरतबल, जदिबल, ईदगाह, खानयार, हब्बाकदल, अमीराकदल, सोनवार, बटमालू, चाडूरा, बीरवाह, बडगाम, खान साहिब व चरार-ए-शरीफ हैं।

दूसरी ओर नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के प्रांतीय अध्यक्ष देवेंद्र सिंह राणा ने कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस के साथ गठबंधन केवल लोकसभा चुनावों तक सीमित है। यह गठबंधन राष्ट्र के व्यापक हित को देखते हुए किया गया है ताकि विभाजनकारी ताकतों से लड़ा जा सके। 

राणा ने पार्टी में युवाओं के स्वागत के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि यह व्यवस्था (कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन) लोकसभा चुनावों तक के लिए है क्योंकि देश विभाजनकारी एवं घृणा की राजनीति में यकीन रखने वालों की तरफ से खड़ी की गई बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन एक सोची-समझी रणनीति है ताकि लोकसभा चुनावों में विभाजनकारी ताकतों से एकजुट होकर लड़ा जा सके।

Web Title: Farooq Abdullah Files Nomination Papers For Srinagar Lok Sabha Seat