किसान आज से 10 दिनों की हड़ताल पर, खड़ा हो सकता है रोजमर्रा की चीजों का संकट
By रामदीप मिश्रा | Published: June 1, 2018 09:42 AM2018-06-01T09:42:54+5:302018-06-01T09:42:54+5:30
किसान संगठनों की ओर से यह भी कहा गया है कि जब तक बहुत ज्यादा जरूरत नहीं पड़ती तब तक किसान गांव के बाहर नहीं जाएंगे।
नई दिल्ली, 1 जूनः किसान आज से कई राज्यों में हड़ताल पर है और ऐसे में लोगो को रोजमर्रा की चीजों को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। किसान नेताओं ने 1 से 10 जून तक अपने गांव को सील करने का निर्णय लिया और गांव से बाहर शहर में कोई भी सामान जैसे कि सब्जियां, फल और दूध ना भेजने का फैसला किया है, जिसके चलते शहरों में हालात ज्यादा खराब हो सकते हैं।
मालूम हो कि चंडीगढ़ में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के किसान संगठनों से जुड़े कई किसान नेता इकट्ठे हुए थे और एग्रीकल्चरल एक्टिविस्ट देवेंद्र शर्मा की अगुवाई में इस हड़ताल का ऐलान किया गया था। हड़ताल के दौरान किसान 1 जून से लेकर 10 जून तक गांव को पूरी तरह से सील करेंगे और किसी को भी गांव से बाहर सामान सप्लाई करने की परमिशन नहीं है।
किसान संगठनों की ओर से यह भी कहा गया है कि जब तक बहुत ज्यादा जरूरत नहीं पड़ती तब तक किसान गांव के बाहर नहीं जाएंगे। इस दौरान किसानों से अपील की गई कि वे हड़ताल के दौरान फल, फूल, सब्जी और अनाज को अपने घरों से बाहर न ले जाएं, और न ही वे शहरों से खरीदी करें और न गांवों में बिक्री करें।
हालांकि इस हड़ताल में दूध के व्यापारियों ने हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है और इन लोगों ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है क्योंकि इन्हें बंद के दौरान दूध सप्लाई के दौरान हिंसा का डर है।
दरअसल, किसान नेताओं का कहना है कि पिछले लंबे वक्त से स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करवाने और किसानों की आमदनी को बेहतर करवाने के लिए सरकार से लगातार गुहार लगाते रहे हैं। किसान इस तरह का आंदोलन करने को मजबूर हो गए हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल इसी महीने में मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों ने आंदोलन किया था, जिसमें पुलिस के गोली चलाने से छह किसानों की जान चली गई थी। यह आंदोलन फसलों के दाम बढ़ाने की मांगों को लेकर किया गया था।
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