फेसबुक ने मोबाइल कंपनियों को दिया यूजर्स का डाटा, भारत सरकार ने 20 जून तक माँगा जवाब
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: June 7, 2018 08:04 PM2018-06-07T20:04:09+5:302018-06-08T17:24:18+5:30
फेसबुक के सह-संस्थापक मार्क जकरबर्ग डाटा चोरी मामले में ब्रिटिश संसद, अमेरिकी सीनेट और यूरपीय यूनियन में पेश हो चुके हैं।
भारत सरकार के संचार एवं सूचना टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने गुरुवार (सात जून) को फेसबुक से विभिन्न मोबाइल निर्माता कंपनियों को भारतीय यूजर्स के डाटा दिए जाने के बारे में जवाब माँगा है। मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए बयान के अनुसार भारत सरकार ने फेसबुक से एप्पल, सैमसंग, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन और ब्लैकबेरी जैसी कंपनियों को दिये गये यूजर्स के डाटा के बारे में "तथ्यात्मक रिपोर्ट" माँगी है। बयान में कहा गया है कि भारत सरकार यूजर्स के डाटा के इस्तेमाल को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित है।
अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स में खबर छपी थी कि फेसबुक पिछले 10 सालों से विभिन्न मोबाइल निर्माता कंपनियों के साथ डाटा शेयरिंग करता रहा है। इस रिपोर्ट के बाद ही भारत सरकार ने फेसबुक से इस पर सफाई माँगी है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार साल 2011 में फेसबुक की डाटा शेयरिंग नीति फेडेरल ट्रेड कमिशन के आदेश के बाद विवादों से घिर गई थी।
रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक ने यूजर्स की जानकारी के बिना ही मोबाइल निर्माता कंपनियों को यूजर्स की निजी जानकरी इकट्ठा करने की अनुमति दी। अखबार का दावा है कि फेसबुक ने किसी तीसरे पक्ष से डाटा शेयर न किए जाने की घोषणा करने के बाद भी ऐसा करना जारी रखा।
मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार कैम्ब्रिज एनालिटिका मामले में यूजर्स के डाटा चोरी को लेकर भारत सरकार द्वारा मांगी गयी सफायी के जवाब में फेसबुक ने माफी माँगी है और भरोसा दिलाया है कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि फेसबुक के ऐसे बरताव के बात उसके वादों पर संदेह पैदा होता है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के बाद फेसबुक ने एक बयान जारी करके कहा कि "मोबाइल के शुरुआती दिनों में हर फोन या ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करने वाला फेसबुक संस्करण बनाने की हमारी सीमा सीमित थी। अब ये समझना मुश्किल है लेकिन तब कोई ऐप स्टोर नहीं था। इसलिए फेसबुक, गूगल, ट्विटर और यूट्यूब जैसी कंपनियों को सीधे ऑपरेटिंग सिस्टम और मोबाइल निर्माता कंपनियों के साथ मिलकर काम करना होता था ताकि उनका प्रोडक्ट जनता तक पहुंच सके। इसमें काफी वक्त लगा- और फेसबुक हर किसी तक पहुँचने में सक्षम नहीं था।"
फेसबुक ने कहा, "इस कमी को दूर करने के लिए हमने डिवाइस इंटीग्रेटेड एपीआई बनाया जिससे मोबाइल कंपनियाँ अपने ग्राहकों को फेसबुक-जैसी सुविधा दे सकें। पिछले एक दशक में करीब 60 कंपनियों ने इसका इस्तेमाल किया है। इनमें अमेजन, ब्लैकबेरी, एचटीसी और सैमसंग जैसी घर घर में जानीमानी कंपनियाँ शामिल हैं।" ये बयान फेसबुक के प्रोडक्ट पार्टनरशिप के वािस प्रेसिडेंट इमे आर्किबोन्ग ने जारी किया।
पूरी दुनिया में करीब दो अरब यूजर्स फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं। फेसबुक इस समय विवादों से घिरा हुआ है। अभी हाल ही में फेसबुक पर कैम्ब्रिज एनालिटिका नामक कंपनी को यूजर्स का डाटा देने का आरोप लगा जिसने इनका इस्तेमाल विभिन्न देशों के चुनाव प्रचार कैंपने में किया। फेसबुक के सह-संस्थापक मार्क जकरबर्ग डाटा चोरी मामले में ब्रिटिश संसद, अमेरिकी सीनेट और यूरपीय यूनियन में पेश हो चुके हैं।
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