किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सूरोनबे जीनबेकोब से मिलीं स्वराज, द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने पर चर्चा
By भाषा | Published: May 22, 2019 01:47 PM2019-05-22T13:47:08+5:302019-05-22T13:47:08+5:30
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘‘मध्य एशिया में अहम साझीदार। सुषमा स्वराज ने बिश्केक में एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले किर्गिस्तान के राष्ट्रपति जीनबेकोव से बात की। दोनों देशों ने अभी तक नई संभावनाओं को तलाश करने की प्रतिबद्धता जताई और सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को विस्तार देने को लेकर उत्साह दिखाया।’’
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सूरोनबे जीनबेकोब से बुधवार को बातचीत की और द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।
स्वराज एससीओ के विदेश मंत्रियों की परिषद की दो दिवसीय बैठक में शामिल होने के लिए मंगलवार को किर्गिस्तान की राजधानी पहुंचीं थीं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘‘मध्य एशिया में अहम साझीदार। सुषमा स्वराज ने बिश्केक में एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले किर्गिस्तान के राष्ट्रपति जीनबेकोव से बात की। दोनों देशों ने अभी तक नई संभावनाओं को तलाश करने की प्रतिबद्धता जताई और सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को विस्तार देने को लेकर उत्साह दिखाया।’’
EAM Sushma Swaraj at SCO meeting of Council of Foreign Ministers: India’s commitment to regional connectivity is evident from our involvement in International North-South Transport Corridor, Chabahar Port, Ashgabat Agreement and India-Myanmar-Thailand Trilateral Highway https://t.co/fg0j4kc1qi
— ANI (@ANI) May 22, 2019
External Affairs Minister, Sushma Swaraj at the meeting of Council of Foreign Ministers (CFM) of Shanghai Cooperation Organisation in Bishkek, Kyrgyzstan. pic.twitter.com/54VlkmfLSW
— ANI (@ANI) May 22, 2019
External Affairs Minister, Sushma Swaraj called on Kyrgyzstan President Sooronbay Jeenbekov ahead of meeting of Council of Foreign Ministers (CFM) of Shanghai Cooperation Organisation in Bishkek pic.twitter.com/bRLti7vHLz
— ANI (@ANI) May 22, 2019
स्वराज ने मंगलवार को बिश्केक में किर्गिस्तान के अपने समकक्ष चिंगिज एदारबेकोव के साथ ‘‘उपयोगी चर्चा’’ की। भारत 2017 में चीन के प्रभुत्व वाले समूह का पूर्ण सदस्य बना था और भारत के इसमें शामिल होने से क्षेत्रीय भू-राजनीति में समूह का महत्व बढ़ गया है।
भारत एससीओ और विशेषकर सुरक्षा संबंधी मामलों को देखने वाले क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी ढांचे (आरएटीएस) के साथ सुरक्षा संबंधी सहयोग गहरा करने का इच्छुक है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी बैठक में शामिल होंगे। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण बिश्केक में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में गत महीने शामिल हुई थीं।
भारत के साथ ही पाकिस्तान को भी 2017 में एससीओ की सदस्यता मिली थी।