Export Ban: टुकड़ा चावल के निर्यात पर सरकार ने लगाया रोक, अधिसूचना आज से ही प्रभावी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 9, 2022 12:36 PM2022-09-09T12:36:56+5:302022-09-09T12:48:44+5:30

आपको बता दें कि घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। ऐसे में यह अधिसूचना आज से ही प्रभावी होगी।

Export Ban Government imposed ban export of piece rice notification effective today Steps increase domestic supply | Export Ban: टुकड़ा चावल के निर्यात पर सरकार ने लगाया रोक, अधिसूचना आज से ही प्रभावी

फोटो सोर्स: ANI

Highlightsभारत सरकार ने टुकड़ा चावल के निर्यात पर रोक लगा दी है। इस अधिसूचना आज से ही प्रभावी किया गया है। बताया जाता है कि सरकार ने यह कदम घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने के लिए किया है।

नई दिल्ली: गैर-बासमती चावल के निर्यात पर 20 प्रतिशत सीमा शुल्क लगाने के बाद सरकार ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से टुकड़ा चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। 

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने आठ सितंबर, 2022 को जारी अधिसूचना में कहा, "टुकड़ा चावल के निर्यात की श्रेणी को 'मुक्त' से 'प्रतिबंधित' में संशोधित किया गया है।" यह अधिसूचना नौ सितंबर, 2022 से प्रभावी है। 

अधिसूचना में क्या कहा गया है

स्थांतरित नीति के संबंध में विदेश व्यापार नीति 2015-2020 के तहत प्रावधान इस अधिसूचना पर लागू नहीं होंगे। साथ ही नौ से 15 सितंबर की अवधि के दौरान टुकड़ा चावल की कुछ खेपों को निर्यात करने की अनुमति दी जाएगी। 

अधिसूचना के अनुसार, इस अवधि के दौरान निर्यात के लिए केवल उसी खेप को अनुमति दी जाएगी जिसका इस अधिसूचना से पहले जहाजों पर लदान शुरू हो गया है। इससे पहले सरकार ने उसना चावल को छोड़कर गैर-बासमती चावल पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगा दिया है। 

घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने के लिए उठाया गया है कदम

चालू खरीफ सत्र में धान फसल का रकबा काफी घट गया है। ऐसे में घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। राजस्व विभाग की बृहस्पतिवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, धान के रूप में चावल और ब्राउन राइस पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगाया गया है। यह निर्यात शुल्क नौ सितंबर से लागू होगा। 

2021-22 के वित्त वर्ष में 2.12 करोड़ टन चावल का हुआ है निर्यात

गौरतलब है कि देश के कुछ राज्यों में बारिश कम होने की वजह से धान का बुवाई क्षेत्र घटा है। चीन के बाद भारत चावल का सबसे बड़ा उत्पादक है। चावल के वैश्विक व्यापार में भारत का हिस्सा 40 प्रतिशत है। 

आपको बता दें कि भारत ने 2021-22 के वित्त वर्ष में 2.12 करोड़ टन चावल का निर्यात किया था। इसमें 39.4 लाख टन बासमती चावल था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में गैर-बासमती चावल का निर्यात 6.11 अरब डॉलर रहा। भारत ने 2021-22 के दौरान विश्व के 150 से अधिक देशों को गैर-बासमती चावल का निर्यात किया। 
 

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