'शांति' का संदेश देने के लिए 100 हाथियों की प्रदर्शनी पूरे बेंगलुरु में लगी

By अनुभा जैन | Published: February 3, 2024 05:55 PM2024-02-03T17:55:45+5:302024-02-03T18:02:18+5:30

इंसानों और हाथियों के बीच शांतिपूर्ण का संदेश फैलाते हुए शनिवार से पूरे बेंगलुरु में लैंटाना वीड से बने करीब 100 एशियाई हाथियों की प्रदर्शनी शुरू हुई। लाल बाग बॉटनिकल गार्डन के ऐतिहासिक ग्लास हाउस के आसपास लगभग 40 हाथियों की मूर्ति को रखा गया है और 60 अन्य को शहर के कई प्रमुख स्थानों जैसे मेट्रो स्टेशनों आदि पर रखा गया है।

Exhibition of 100 elephants held across Bengaluru to give message of peace | 'शांति' का संदेश देने के लिए 100 हाथियों की प्रदर्शनी पूरे बेंगलुरु में लगी

फाइल फोटो

Highlightsबेंगलुरु में लैंटाना वीड से बने करीब 100 एशियाई हाथियों की प्रदर्शनी शुरू हुईइंसानों और हाथियों के बीच शांतिपूर्ण का संदेश देने का मकसदलैंटाना हाथी दुनिया भर में यात्रा कर चुके हैं और अब नम्मा बेंगलुरु में हैं

बेंगलुरु: इंसानों और हाथियों के बीच शांतिपूर्ण का संदेश फैलाते हुए शनिवार से पूरे बेंगलुरु में लैंटाना वीड से बने करीब 100 एशियाई हाथियों की प्रदर्शनी शुरू हुई। लाल बाग बॉटनिकल गार्डन के ऐतिहासिक ग्लास हाउस के आसपास लगभग 40 हाथियों की मूर्ति को रखा गया है और 60 अन्य को शहर के कई प्रमुख स्थानों जैसे मेट्रो स्टेशनों आदि पर रखा गया है।

इस पहल के माध्यम से लोग शहर में 'सह-अस्तित्व, महान हाथी प्रवास' देख रहे हैं। लैंटाना आक्रामक खरपतवार से बने इन आदमकद बड़े जंबोस को बेंगलुरु के यातायात के बीच से ट्रकों से लाया गया। रिपोर्टों के अनुसार, ये हाथी दुनिया भर में यात्रा कर चुके हैं और अब नम्मा बेंगलुरु में हैं।

महीने भर चलने वाली प्रदर्शनी में, हाथियों के झुंड की मूर्तियां सोलिगा समुदायों के आदिवासियों द्वारा तैयार की गई हैं, जो लैंटाना के खतरे से निपटने में सबसे आगे हैं। कई संगठनों ने इस अनूठी पहल को आयोजित करने में अपना योगदान दिया है। कार्यक्रम स्वयंसेवकों में से एक ने जानकारी देते हुये बताया कि ये मूर्तियां वास्तविक जंगली हाथियों से प्रेरित हैं और नीलगिरि बायोस्फीयर, बीआर हिल्स और एमएम हिल्स के वास्तविक हाथियों पर बनाई गई हैं। इन मूर्तियों को इन तीन जंगलों में रहने वाले असली हाथियों के नाम दिए गए हैं।

यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि लैंटाना कैमारा पौधा बाघ, हाथियों और अन्य वन्यजीव पारिस्थितिकी प्रणालियों का मूक हत्यारा है। यह एक आक्रामक पौधे की प्रजाति है जो भारतीय जंगलों पर कब्ज़ा कर रही है और भारतीय वन्यजीवों और पौधों के लिए हानिकारक साबित हो रही है। यह मिट्टी में पोषक तत्व चक्र को बदल देता है। लैंटाना को व्यापक रूप से खाने से जानवरों में एलर्जी, दस्त, जिगर की विफलता या यहां तक कि एक जानवर की मृत्यु हो गई है। 

साथ ही इस पौधे के अत्यधिक बढ़ने से जंगल में आग भी लग जाती है। लैंटाना कैमारा एक जहरीला खरपतवार है जिसके बारे में कहा जाता है कि यह हाथियों के चारे को हड़प लेता है। आदिवासी कारीगर लैंटाना हाथी बनाकर आजीविका कमा रहे हैं। वन भूमि से लैंटाना खरपतवारों का उन्मूलन भी आदिवासियों को आजीविका का एक वैकल्पिक स्रोत प्रदान कर रहा है।

Web Title: Exhibition of 100 elephants held across Bengaluru to give message of peace

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