एक्सक्लूसिव इंटरव्यू: प्रियंका गांधी कहीं से भी चुनाव जीत सकती हैं-अभिषेक मनु सिंघवी

By संतोष ठाकुर | Published: May 12, 2019 07:37 AM2019-05-12T07:37:38+5:302019-05-12T10:42:15+5:30

अभिषेक मुन सिंघवी ने राहुल गांधी के दो जगह से चुनाव लड़ने, प्रियंका के वाराणसी से चुनाव नहीं लड़ने, कांग्रेस को संभावित लाभ देने वाले राज्यों सहित कई अहम बिंदुओं पर लोकमत समाचार से खुलकर बातचीत की. 

Exclusive interview: Priyanka Gandhi can win elections from anywhere- Abhishek Manu Singhvi | एक्सक्लूसिव इंटरव्यू: प्रियंका गांधी कहीं से भी चुनाव जीत सकती हैं-अभिषेक मनु सिंघवी

अभिषेक मनु सिंघवी ने लोकमत न्यूज हिन्दी से विशेष बातचीत की है।

Highlightsमोदी सरकार सत्ता में वापसी नहीं करने जा रही है-कांग्रेसबीजेपी को होगा 125-130 सीटों का नुकसान-सिंघवी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, सांसद और अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने लोकमत समूह से बातचीत में कहा है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी 17वीं लोकसभा में भी दिख सकती हैं. हालांकि यह उनका निजी फैसला होगा कि वह कब और कहां से चुनाव लड़ती हैं. 

सिंघवी ने राहुल गांधी के दो जगह से चुनाव लड़ने, प्रियंका के वाराणसी से चुनाव नहीं लड़ने, कांग्रेस को संभावित लाभ देने वाले राज्यों सहित कई अहम बिंदुओं पर लोकमत समाचार से खुलकर बातचीत की. 

प्र. कांग्रेस को कितनी सीट मिलने की उम्मीद है? सबसे अधिक लाभ किन राज्यों से होगा? 

उत्तर: मैं आंकड़ों में नहीं पड़ना चाहता, लेकिन यह तय है कि यह सरकार और यह प्रधानमंत्री फिर सत्ता में वापसी नहीं करने वाले हैं. कांग्रेस नेतृत्व, गैर भाजपा, गैर एनडीए की सरकार बनेगी. जिन 11-12 राज्यों में भाजपा ने 2014 में मोदी लहर में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया था वहीं से हमें लाभ होगा. वहां पहले जैसा प्रदर्शन दोहराना भाजपा के लिए मुश्किल होगा. 

हमारा मानना है कि इन राज्यों भाजपा को 50 प्रतिशत या करीब-करीब 125-130 सीटों का नुकसान होगा. दक्षिण में वह खाली हाथ है. ओडिशा, पश्चिम बंगाल में हम मान भी लें कि उन्हें दोगुना-तिगुना लाभ हो रहा है तो भी 11-12 राज्यों में घट रही 125-130 सीटों की भरपाई नहीं होगी. 

प्र. इस विश्वास की क्या वजह है? 

राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में हमें लाभ हो रहा है. वहीं, दक्षिण में तमिलनाडू, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश में हमें बड़ा लाभ होने वाला है. 

प्र. भाजपा का कहना है कि राहुल गांधी अमेठी में संभावित हार की वजह से वायनाड से भी चुनाव लड़ रहे हैं.

तो क्या पिछले चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डर की वजह से दो जगह से चुनाव लड़ा था? इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी भी दो जगह से चुनाव लड़ चुके हैं. राहुल गांधी ने दक्षिण में पार्टी को मजबूती देने के लिए वायनाड सीट चुनी है. हां, यहां यह बात दीगर है कि वह दोनों सीट से चुनाव जीत रहे हैं. 

प्र. तो क्या राहुल वायनाड सीट रखकर अमेठी प्रियंका के लिए छोड़ देंगे? 

प्रियंका गांधी संसद में कहीं से भी चुनकर आ सकती हैं. वह पार्टी की स्टार कैंपेनर हैं. ऐसे में उन्हें किसी सीट से बांधना या किसी खास सीट को लेकर कयास लगाना सही नहीं है. चुनाव लड़ना उनका निजी निर्णय होगा कि वह राहुल गांधी वाली सीट या किसी भी अन्य सीट से चुनाव लड़ेंगी. यह बहुत हद तक चुनाव के बाद की बात है. 

प्र. राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए कांग्रेस कितनी न्यूनतम सीटों की अपेक्षा करती है? 

कितनी सीटें आने पर राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे यह सवाल फिलहाल जल्दबाजी वाला होगा. हम शुरू से कह रहे हैं कि जिस दल के पास अधिक सीट होंगी उसकी ओर से ही प्रधानमंत्री दिया जाएगा. जल्द ही स्थिति पूरी तरह साफ हो जाएगी. 

प्र. आपको उम्मीद है कि सपा, बसपा, टीआरएस, वायएसआर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, बीजद को कांग्रेस के साथ सरकार बनाने में समस्या नहीं होगी? 

यह सभी कभी न कभी हमारे साथ रहे हैं. इनका भी लक्ष्य गैर भाजपा-गैर एनडीए सरकार बनाना है. इसकी वजह यह है कि यह समझ गए हैं कि भाजपा समाज को हिंदू-मुसलमान में बांटने का कार्य करती है. यही वजह है कि भाजपा के पुराने साथी चंद्रबाबू नायडू भी उनसे अलग हो गए हैं. सपा के साथ हमारे रिश्ते हमेशा से बेहतर रहे हैं. यह सही बात है कि अगर उप्र में सपा-बसपा-कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ती तो परिणाम और बेहतर होते. 

प्र. चुनाव में कांग्रेस का सबसे बड़ा मुद्दा राफेल था, लेकिन अंतत: राहुल गांधी ने इस मामले पर अदालत में माफी मांगी. इसका जनता के बीच क्या संदेश जाता देख रहे हैं? 

राफेल को लेकर मैं आपकी गलतफहमी हटा दूं कि राहुल गांधी ने बार-बार अपने हलफनामे में कहा है कि उच्चतम न्यायालय के गलत हवाले को लेकर वह माफी मांग रहे हैं. यह राहुल गांधी का बड़प्पन है कि उन्होंने गलत हवाला देने की बात को स्वीकार करते हुए माफी मांगी है. लेकिन इस मामले में गड़बड़ी की अपनी बात पर हम कायम हैं. 

प्र. प्रियंका गांधी ने कहा कि हमने कुछ जगह कमजोर उम्मीदवार दिए हैं. 

नहीं बोला है. मैं वापस दोहरा रहा हूं. आप उनकी बातचीत का लिंक अभी चला दीजिए. मैं बहुत ध्यान से देखकर बोलता हूं. उन्होंने कहा कि हम जीत रहे हैं हम जीतने के लिए आए हैं. कई जगह हमारे मजबूत उम्मीदवार जीतेंगे. जहां हमारे कमजोर उम्मीदवार हैं वहां भी हम भाजपा को नुकसान पहुंचाएंगे. 

प्र. जिस तरह से बंपर वोटिंग हो रही है, आपको नुकसान होगा या फायदा? 

देखिए मैं कोई ऐसी बात नहीं करना चाहता जो अटकल की बात हो. अब तो दो हफ्ते बचे हैं इसलिए कोई अटकल लगाने का फायदा नहीं है, लेकिन यह तय है कि परिवर्तन होगा और केंद्र में गैर भाजपा- गैर एनडीए की सरकार बनेगी. उसमें कांग्रेस की मुख्य भूमिका होगी. 

राज ठाकरे से कोई गठबंधन नहीं 

राज ठाकरे लोकसभा चुनाव के दौरान भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के खिलाफ सभा कर कांग्रेस-राकांपा को परोक्ष लाभ पहुंचा रहे हों और भाजपा राज ठाकरे की सभा का खर्च इन दलों के चुनावी खर्च में जोड़ने की मांग कर रही हो, लेकिन कांग्रेस ने कहा है कि उसका राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) से कोई संपर्क नहीं है. 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि विधानसभा चुनाव में राज ठाकरे के साथ कोई गठबंधन नहीं किया जाएगा. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि महाराष्ट्र परंपरागत कांग्रेस के प्रभाव वाला राज्य रहा है. हमें उम्मीद है कि इस लोकसभा चुनाव में हम यहां पर बेहतर प्रदर्शन करेंगे. यह आकलन गलत है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस को अधिक सीट मिलेंगी और कांग्रेस को कम सीट हासिल होगी.

Web Title: Exclusive interview: Priyanka Gandhi can win elections from anywhere- Abhishek Manu Singhvi