अनुच्छेद 370: पद्म भूषण पूर्व पुलिस अधिकारी जूलियो रिबेरो ने नैतिक आधार पर उठाए सवाल

By भाषा | Updated: August 25, 2019 11:30 IST2019-08-25T11:30:57+5:302019-08-25T11:30:57+5:30

केंद्र ने पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को निरस्त कर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।

Ex-cop questions govt decision on Jammu and Kashmir, says people's will vital | अनुच्छेद 370: पद्म भूषण पूर्व पुलिस अधिकारी जूलियो रिबेरो ने नैतिक आधार पर उठाए सवाल

अनुच्छेद 370: पद्म भूषण पूर्व पुलिस अधिकारी जूलियो रिबेरो ने नैतिक आधार पर उठाए सवाल

Highlightsरिबेरो ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनसे जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बनने का अनुरोध किया था 1980 के दशक में पुलिस प्रमुख के रूप में पंजाब में उग्रवाद से सख्ती से निपटने के लिए रिबेरो को याद किया जाता है

पंजाब पुलिस प्रमुख के रूप में उग्रवाद से निपटने में अहम भूमिका निभाने वाले एवं पद्म भूषण से सम्मानित पूर्व पुलिस अधिकारी जूलियो रिबेरो ने जम्मू-कश्मीर के संबंध में केंद्र सरकार के हालिया फैसले को एक पुलिसकर्मी के नजरिए से तो पूरे अंक दिए लेकिन ‘‘नैतिकता’’ के दृष्टिकोण से इस पर सवाल उठाए और कहा कि ऐसे मामलों में लोगों की इच्छा ही सबसे महत्वपूर्ण होती है।

साथ ही उन्होंने कहा कि ‘‘नैतिकता’’ के दृष्टिकोण से वह ऐसा फैसला कभी नहीं लेते जैसा केंद्र सरकार ने लिया है।

1980 के दशक में पुलिस प्रमुख के रूप में पंजाब में उग्रवाद से सख्ती से निपटने के लिए जाने जाने वाले रिबेरो ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘एक पुलिसकर्मी के तौर पर यदि आपको यह सुनिश्चित करना है कि कोई दिक्कत पैदा न हो, तो यह बहुत चतुराई से किया गया । पुलिस के नजरिए से, मैं इसे पूरे नंबर दूंगा, लेकिन नैतिकता के आधार से मैं ऐसा नहीं करूंगा। लोगों को शामिल किया जाना चाहिए।’’

पूर्व पुलिस आयुक्त ने कहा, ‘‘लोगों को अपने विश्वास में लेना सबसे महत्वपूर्ण बात है और उसे (सरकार को) ऐसा करना ही होगा, अन्यथा आपको समस्या होगी। लोगों को अपने पक्ष में करना ही मामले का मूल आधार है।’’

रिबेरो ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनसे जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बनने का अनुरोध किया था और जब उन्होंने यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया तो उन्होंने फारूक अब्दुल्ला को उन्हें राजी करने की जिम्मेदारी सौंपी।

वाजपेयी को यह पता चला था कि वह लोगों को विश्वास में लेकर किस प्रकार पंजाब में उग्रवाद से निपटे और वह कश्मीर में भी ऐसा ही करना चाहते थे। रिबेरो ने कहा, ‘‘मैंने कहा कि राज्यपाल के तौर पर मैं ऐसा नहीं कर सकता। मैं पुलिस महानिदेशक या राज्यपाल के सलाहकार के तौर पर ऐसा कर सकता हूं, लेकिन राज्यपाल के तौर पर मैं ऐसा नहीं कर सकता।’’

उल्लेखनीय है कि कुछ मीडिया संस्थानों खासकर विदेशी स्वामित्व वाले संस्थानों ने कश्मीर घाटी में हिंसा में कुछ लोगों के घायल होने की खबर दी है।

Web Title: Ex-cop questions govt decision on Jammu and Kashmir, says people's will vital

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